1 जुलाई यानी आज से पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद अब न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) ने ले ली है। वहीं, भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) ने ले ली है। नए आपराधिक कानून में कई धाराओं को हटाया गया है तो कुछ धाराओं को जोड़ा भी गया है।

इसे भी पढ़ें – UGC-NET की नई तारीखों का ऐलान, जाने कब होगा एग्जाम ?

ये होंगे बदलाव

अब नए कानून लागू होने के बाद काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। आइए हम आपको बताते हैं कि ये बदलाव कौन से हैं।

1 जुलाई से दर्ज होने मामलों में इस नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इससे पहले के मामलों में पुराने कानून के तहत ही केस चलेगा।

बलात्कार पीड़ितों का जब भी मेडिकल किया जाएगा, हर कीमत पर 7 दिनों के अंदर में रिपोर्ट आनी होगी।

महिलाओं के खिलाफ जब अपराध होगा तब सभी अस्पतालों को मुफ्त में इलाज करना होगा, अगर बच्चों के साथ अपराध होंगे तब भी अस्पताल मुफ्त इलाज करना होगा।

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही किसी भी मामले में FIR दर्ज की जा सकेगी, पहले की तरह पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं रहेगी। अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर भी अगर वो चाहे तो FIR दर्ज करवा पाएगा।

फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का घटनास्थल पर जाना जरूरी होगा, पहले जरूरत के मुताबिक यह फैसले लिए जाते थे।

अब बलात्कार की धारा 375 और 376 नहीं रहने वाली है, इसी जगह सर्फ धारा 63 रहेगी। वही अगर सामूहिक बलात्कार का मामला होगा तो धारा 70 लगेगी। इसी तरह हत्या होने पर अब धारा 302 नहीं लगने वाली है, उसकी जगह 101 ने ले ली है।

Share.
Exit mobile version