बीजापुरआदिवासी समाज ने वरिष्ठ नेता की रायपुर सेंट्रल जेल में संदिग्ध मौत के विरोध में बस्तर बंद का आह्वान किया है. मंगलवार को बंद का प्रभाव केवल बीजापुर मुख्यालय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि (death of tribal leader) भोपालपटनम, मद्देड, आवापल्ली, भैरमगढ़, उसूर और ग्रामीण इलाकों तक फैला रहा.

कब हुई थी मौत ?

आदिवासी नेता जीवन ठाकुर की मौत 6 दिसंबर 2024 की रात रायपुर में जेल अभिरक्षा के दौरान हुई थी. उनकी मौत के हालात संदिग्ध माने जा रहे हैं, जिसके बाद 7 दिसंबर से पूरे बस्तर में विरोध शुरू हुआ और 9 दिसंबर के लिए सर्व आदिवासी समाज ने महाबंद का आह्वान किया.

आदिवासी समाज ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की

आदिवासी समाज के पदाधिकारियों और युवाओं ने शांतिपूर्ण रैली और प्रयास के माध्यम से दुकानदारों से सहयोग की अपील की, जिसके बाद व्यापारियों ने स्वेच्छा से बंद का समर्थन किया. समाज का कहना है कि आदिवासी नेता की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है और घटनास्थिति को लेकर कई सवाल अनुत्तरित हैं. उन्होंने मांग रखी है कि मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच हो तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए.

राजनीतिक स्तर पर भी बंद को समर्थन

आपको बता दें कि राजनीतिक स्तर पर भी बंद को मजबूती मिली. संभाग में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने समाज के आंदोलन का खुलकर समर्थन किया. प्रभारी मंत्री ने आधिकारिक लेटरपैड जारी (death of tribal leader) कर बंद के समर्थन की पुष्टि करने के बाद आंदोलन को और बल मिला. कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि न्याय की लड़ाई में वे समाज के साथ खड़े हैं.

 

 

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