छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है. 10 बड़े नक्सलियों ने हथियार छोड़ दिया है और समाज की मुख्य धारा में वापस लौट आए हैं. सरेंडर करने वाले (surrender of 10 maoists) नक्सलियों पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था.

सरेंडर करने वाले सभी नक्सली दरभा डिवीजन में सक्रिय कार्यकर्ता है. जिन्होंने पूना मारगेम के अंतर्गत सरकार के सामने सरेंडर किया है. नक्सलियों ने IG बस्तर, SP सुकमा, CAPF और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में सुकमा पुलिस लाइन परिसर में आत्मसमर्पण किया है.

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surrender of 10 maoists – दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी में नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो एक्टिव है. बस्तर में कुछ गिने चुने नक्सली अभी एक्टिव है. इसमें बस्तर डिवीजन और साउथ बस्तर डिवीजिन के नक्सली भी सरेंडर कर रहे हैं. मात्र अभी पीएलजीए बटालियन के नक्सली थोड़े सक्रिय है. अब नक्सलियों के पास सरेंडर के अलावा कोई चारा नहीं है. देवजी, गणपति, और गणेश उइके जैसे नक्सली अभी एक्टिव है.

पूना मारगेम क्या है

पूना मारगेम नक्सलियों के पुनर्वास की नीति है. ये शब्द गोंडी भाषा से लिया गया है. इस शब्द का अर्थ है पुनर्वास से पुनर्जीवन. इस अभियान के तहत सरकार नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने के लिए प्रेरित कर रही है. .सरकार की इस नीति के तहत नक्सलियों को आर्थिक सहायता, कौशल प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं मिल रही है.

 पिछले 3 महीने में छत्तीसगढ़ में बड़े नक्सली सरेंडर

10 दिसंबर- कांकेर में 4 नक्सलियों का सरेंडर, 2 महिला माओवादी भी शामिल, 23 लाख के थे इनामी

10 दिसंबर- राजनांदगांव में एमएमसी जोन के 12 नक्सलियों का सरेंडर

30 नवंबर- दंतेवाड़ा में 37 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, 65 लाख के 27 इनामी माओवादियों का सरेंडर

28 नवंबर- बस्तर में 10 नक्सलियों का सरेंडर, झीरम नक्सल हमले के मास्टरमाइंड चैतु दादा भी शामिल

26 नवंबर- 20 लाख रुपये के इनामी नक्सल दंपति ने खैरागढ़ इलाके में सरेंडर

26 नवंबर- बीजापुर में 41 नक्सलियों का सरेंडर, 1 करोड़ 19 लाख रुपए का था इनाम

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