हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज चाहे किसी पद पर हो या ना हो, लेकिन हमेशा से ही सुर्खियों में रहते हुए लोगों के दिलों में राज करते हैं। विज अपने बेबाक बयानों के साथ साथ हरियाणा के बीजेपी नेताओं में साफ और स्पष्ट बात करने वालों में जाने जाते हैं। अगर वो किसी से नाराज है तो वो नाराजगी भी सीधे तौर पर जाहिर करते हैं और अगर किसी के काम से खुश हों तो वो भी सार्वजनिक तौर पर सराहना करने से नहीं चूकते।

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23 साल के इतिहास में विज बने फुलटाइम गृहमंत्री

हालांकि जब विज गृह मंत्री बने थे तो हरियाणा के 23 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार खुद छोड़कर किसी और कैबिनेट मंत्री या विधायक को दिया हो. सूबे के मुख्यमंत्री चाहे ओम प्रकाश चौटाला रहे हों, भूपेंद्र सिंह हुड्डा हों या फिर अपने पहले कार्यकाल में में मनोहर लाल, किसी भी मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय का चार्ज किसी और मंत्री को नहीं दिया था और हमेशा ही ये मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास ही रहा। हालांकि कुछ मुख्यमंत्रियों ने बीच में राज्यमंत्री भी अटैच किए थे लेकिन फिर भी गृह मंत्रालय का मुख्य कामकाज खुद मुख्यमंत्री ने ही संभाला।

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जनता दरबार ने बनाया आम लोगों के बीच लोकप्रिय

23 साल में ऐसा होने के बाद विज ने भी गृह विभाग को अपने शानदार काम करने के तरीके से मशहूर कर दिया। हरियाणा के गृहमंत्री रहते हुए विज की काम करने की शैली हमेशा चर्चा में रही। उनकी कार्यशीली पूरे हरियाणा में चर्चित थी। वो खुद जनता दरबार लगाते थे और पूरे प्रदेश से लोग अपनी समस्या लेकर विज के घर पहुंचते थे। अनिल विज के घर जो भी आया, कभी निराश होकर नहीं गया। उन्होंने हर किसी को हाथोंहाथ उनकी समस्या का समाधान करवाया।

हुड्डा पिता-पुत्र पर कसा तंज

अनिल विज इस दौरान भूपेंद्र हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा पर भी कटाक्ष करने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में हरियाणा सुरक्षित नहीं है, एक बार हरियाणा में सत्ता इनके हाथ में देकर हरियाणा की जनता समझ चुकी है कि हरियाणा को हमने लुटवाने का काम नहीं करना है।

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