भारत के आर्थिक बदलाव का मुकाम सऊदी में हुए तेल हमले के कारण डगमगा सकता है| 14 सितंबर को सऊदी के अरामको में स्थित सबसे बड़े तेल की रिफाइनरी से धुआं निकलता नज़र आया था| इसके बाद सऊदी को पता चला की यह कोई दुर्घटना नहीं बल्कि एक बहुत बड़ी साजिश है|
बताया जा रहा था कि यह हमला ड्रोन्स के ज़रिए रिफाइनरी में बम गिरा के किया गया था| सऊदी की सरकार को यह साजिश अमेरिका की लगी थी और इस पर सऊदी ने अमेरिका को इस हमले के लिए कुछ बोला भी था परंतु अमेरिका ने इन सब के जवाब में यह कहा कि जो ड्रोन्स पाए गए थे वह ईरान के थे|
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क्या सच है क्या नहीं इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है परंतु ऐसा प्रतीत होता है इसकी पुष्टि जल्द ही हो जाएगी| अगर आगे बात की जाए कि इस हमले से हमारे भारत पर क्या असर पड़ेगा| यह हमारे भारत के लिए बहुत बड़ी परेशानी हो सकती है|
आइये जानते हैं कैसे:-
सऊदी के तेल हमले का भारत पर असर
सबसे बड़ी मुसीबत है तेल के दाम| तेल हमले के बाद सऊदी अपने तेल के दरों को बढ़ा देगा| इसका सबसे ज़्यादा असर भारत पर होगा क्योंकि भारत ही तेल का सबसे बड़ा उपभोगता है| यमन के विद्रोहियों द्वारा सऊदी अरामको के एबीक्यूक और खुरास, आयल प्लांट्स पर ड्रोन हमलों के बाद, सऊदी अरब में कुल तेल उत्पादन में प्रति दिन 5.7 मिलियन बैरल (बीपीडी) की कमी हो गयी है|
यह दुनिया के कुल तेल की आपूर्ति का लगभग 5 प्रतिशत है और सऊदी के तेल उत्पादन का आधा हिस्सा है| अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ने जो पिछले 30 सालों में 20 प्रतिशत की छलांग लगाई थी, उसका दर अब बहुत नीचे आ गया है| तेल के दरों में बढ़ोतरी एक आखरी चीज़ है जो भारत अभी झेलना चाहेगा और वो भी ऐसे समय पर जब भारत की अर्थव्यवस्था इतनी धीमी गति से चल रही है|
कुछ महत्वपूर्ण बातें:-
भारत अपने तेल की आवश्यकताओं का लगभग 80 प्रतिशत आयात करता है| सऊदी अरब भारत के तेल और खाना पकाने के गैस का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है|
तेल मंत्रालय की पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण (पीपीएसी) का डेटा दिखाता है कि 2017 के बाद से तेल पर भारत की निर्भरता धीरे-धीरे बढ़ गई है| 2018-19 में, भारत की तेल की खपत 211.6 मिलियन टन हो गई है| इसके विपरीत, भारत के घरेलू तेल उत्पादन में गिरावट आई है| 2016 से 17 का क्रूड उत्पादन 2015 से 16 के 36.9 से गिरकर 36 मिलियन टन हो गया था| वित्त वर्ष 19, भारत के क्रूड उत्पादन में 34.2 मिलियन तक गिर गया|
बेरोज़गारी
सऊदी के तेल हमले के बाद आप सोच रहे होंगे कि बेरोज़गारी में किसका हाथ होगा| परंतु इसके बेरोज़गारी में भी एक बड़ा हाथ होगा| जैसा कि हमे पता है भारत की अर्थव्यवस्था कितनी धीमी हो गयी है और सरकार ने कई सेक्टर्स को बंद करके कई लाख लोगों को बेरोज़गार कर दिया था|
तेल के दर बढ़ने के बाद हो सकता है सरकार और सेक्टर बंद कर दे| सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी थी परंतु इतना दिलासा दिया है कि सऊदी में जो हुआ उससे भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा| और भारत ने पहले ही काफी तेल सऊदी से खरीद लिया है यदि सऊदी इससे जल्दी उभरता है तो यह भारत के बड़ी परेशानी को कम करने में मदद करेगा|
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