मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए पहली बार राज्य की लीची को विदेशों में निर्यात करना शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में पहली खेप इंग्लैंड निर्यात की गई है। बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने हरी झंडी दिखाकर पहली खेप को रवाना किया।

बाग़वानी विभाग द्वारा कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (अपेडा) के सहयोग से राज्य के नीम-पहाड़ी ज़िलों पठानकोट, गुरदासपुर और होशियारपुर की लीची की पहली खेप को बाग़वानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने ऑनलाइन विधि से हरी झंडी देकर इंग्लैंड के लिए रवाना किया।

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लीची का होता है करीब 13000 मीट्रिक टन उत्पादन

जौड़ामाजरा ने बताया कि पंजाब में कुल 3250 हैक्टेयर क्षेत्र में लीची की खेती की जाती है और इसका उत्पादन लगभग 13000 मीट्रिक टन होता है। उन्होंने कहा कि पठानकोट, गुरदासपुर और होशियारपुर ज़िलों में लीची के लिए अनुकूल वातावरण होने के कारण यहां की लीची का प्राकृतिक गहरा लाल रंग है और मिठास अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है।

बाग़वानी मंत्री ने कहा कि लीची की पहली खेप इंग्लैंड (यू.के) को निर्यात की जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के विशेष प्रयासों से लीची बाग़वान निर्यात के ज़रिए अधिक मुनाफ़ा कमा सकेंगे। आने वाले समय में बाग़वानी विभाग व अपेडा के सहयोग से बाग़वानी की अन्य फ़सलों को भी विदेश भेजने के प्रयास किए जाएंगे।

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मुरादपुर के किसान की उपज भेजी गई इंग्लैंड

उन्होंने कहा कि ज़िला पठानकोट के गांव मुरादपुर के प्रगतिशील किसान राकेश डडवाल की लीची की उपज अमृतसर से इंग्लैंड भेजी गई है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब के फलों के कारण राज्य का नाम विदेशों की प्रमुख मंडियों में शामिल होगा और लीची के उत्पादकों की पहचान विदेशों तक होगी।

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