नई दिल्ली : दिल्ली सरकार का दिल्ली कैंट का कार्यकारी मजिस्ट्रेट (तहसीलदार) नरेंद्र पाल सिंह अपने साथियों साथ मिलकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बना रहा था। इसके लिए इन्होंने बाकायदा गिरोह बना रखा था। गिरोह में सबका अलग-अलग काम था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपी अधिकारी समेत तीन अन्य आरोपियों सौरभ गुप्ता, दिल्ली सरकार की हेल्पलाइन
नंबर 1076 पर आउटसोर्स कर्मचारी चेतन यादव, और अधिकारी के (Fake Caste Certificate) ड्राइवर वारिस अली को गिरफ्तार किया है।
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Fake Caste Certificate – पुलिस अधिकारियों की माने तो ये लोग 100 से ज्यादा लोगों के नकली जाति प्रमाण पत्र बना चुके हैं। ये सामान्य श्रेणी के लोगों के एसटी, एससी और ओबीसी जातिप्रमाण पत्र बनाते थे। इसके एवज में एक व्यक्ति से तीन से पांच हजार रुपये तक लेते थे। इनके द्वारा बनाए गए फर्जी प्रमाण पत्र दिल्ली सरकार के पोर्टल पर भी उपलब्ध हैं। अपराध शाखा को अयोग्य उम्मीदवारों को अवैध रूप से जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले एक रैकेट के बारे में जानकारी मिली थी।
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इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए उन्होंने सामान्य श्रेणी के एक फर्जी आवेदक को ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 13 मार्च, 2024 को उस व्यक्ति के पास भेजा, जिस पर गिरोह का प्रमुख सदस्य होने का संदेह था। 3500 रुपये लेकर उसने फर्जी प्रमाणपत्र बनवा दिया। ये फर्जी प्रमाणपत्र दिल्ली सरकार के पोर्टल पर भी है। जानकारी को और पुख्ता करने के लिए उन्होंने 20 मार्च, 24 को फिर एक सामान्य श्रेणी के फर्जी आवेदक को ओबीसी का जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए भेजा। उसका भी तीन हजार रुपये में फर्जी प्रमाण पत्र बनवा दिया गया।