गुड़गांव: कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उम्र भी बाधा नहीं बनती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गुड़गांव की गीता गोदारा ने, जिन्होंने उम्र के 60 पड़ाव पार करने के बाद भी कराटे में अपना परचम लहराया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। 60 साल की गीता गोदारा ने थाईलैंड में हुई इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में गुड़गांव का परचम लहरा दिया है।
गुड़गांव की साईं कराटे एकेडमी से तीन खिलाड़ियों ने भाग लिया था जिन्होंने गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते हैं। मेडल जीतकर वापस लौटने पर एकेडमी के खिलाड़ियों ने उनका स्वागत भी किया। साई कराटे एकेडमी के डायरेक्टर और कोच सुनील सैनी ने बताया कि मुकाबला काफी मुश्किल था। सबसे बड़ी चुनौती मलेशिया और जापान के खिलाड़ियों को पछाड़ने की थी, लेकिन गुड़गांव के खिलाड़ियों ने अपना परचम लहराते हुए इन खिलाड़ियों को चारों कोने चित कर दिया और मेडल पर अपना कब्जा जमाया।वहीं, प्रतियोगिता में भाग लेने गुड़गांव से गए खिलाड़ियों की मानें तो उनके लिए मुकाबला काफी मुश्किल था।
उन्होंने इस प्रतियोगिता के लिए कड़ी मेहनत की और अपना पूरा समय इसी में दिया। इस प्रतियागिता में सबसे उम्रदराज खिलाड़ियों में शामिल गीता गोदारा की मानें तो यह उनके परिश्रम और कोच के सहयोग और मेहनत का नतीजा है कि वह यह गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुई हैं। उन्हें गर्व है कि जिस उम्र में महिलाएं आध्यात्म की ओर चली जाती हैं वहीं, वह देश का नाम रोशन करने में पीछे नहीं हट रही हैं। एकेडमी के तीनों ही खिलाड़ियों द्वारा मेडल जीतने की खुशी हर खिलाड़ी के चेहरे पर देखी जा रही है। हर खिलाड़ी का कहना है कि वह भी परिश्रम करके अपने देश का नाम विश्व में रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।