पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी और नवजोत सिंह सिद्धू के पूर्व सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने बेटे अकील अख्तर की मौत के बाद पहली बार मीडिया के सामने आकर चुप्पी तोड़ी है. सहारनपुर के अपने पैतृक गांव हरडा खेड़ी में उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए परिवार पर लगे आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया. मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि उनके बेटे की मौत को लेकर फैलाई जा रही बातें तथ्यों पर नहीं, अफवाहों पर आधारित हैं.
आरोपों पर क्या बोले पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा?
पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि, हमारे परिवार पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं, जिसने मुकदमा दर्ज कराया है, उस व्यक्ति का नाम शम्शुद्दीन चौधरी है, जिसे मैं जानता तक नहीं. उन्होंने आगे कहा कि शम्शुद्दीन पर करोड़ों रुपए के फ्रॉड के केस दर्ज हैं और वही व्यक्ति अब उन्हें और उनके परिवार को फंसाने की साजिश कर रहा है.”
बदले की भावना से लगाए गए आरोप
पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने आगे कहा कि, “वो मेरा रिश्तेदार होने का दावा कर रहा है, जबकि वो न मेरा रिश्तेदार है, न परिचित. वो मेरे घर से करीब ढाई किलोमीटर दूर रहता है और सिर्फ एक केस के सिलसिले में कभी मेरे पास आया था. अब वही व्यक्ति राजनीति और बदले की भावना से प्रेरित होकर झूठे आरोप लगवा रहा है.”
मैं झूठ का मुकाबला करूंगा- पूर्व डीजीपी
पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि गंदी सोच रखने वालों ने इल्जाम लगाया है. मैं झूठ का मुकाबला करूंगा. जब कोई किसी पर गंदे आरोप लगाता है, तब पुलिस का फर्ज बनता है कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करे. शम्शुद्दीन द्वारा जो शिकायत दी गई है, उस पर FIR दर्ज हुई है. मैं पुलिस के इस कदम का स्वागत करता हूं. पुलिस की जांच में चंद दिनों बाद सबको सच और झूठ का पता लग जाएगा.
मेरे बेटो को ड्रग्स की लत थी- पूर्व डीजीपी
पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि जिन लोगों ने ये करवाया है, उनको भी सोचना होगा कि बहुत सीरियस एलिगेशन है. जो उन लोगों ने हमारे ऊपर आरोप लगाए हैं, वह बेहद गंभीर हैं. पुलिस देखेगी इन सबको. मेरा बेटा एक मरीज था. 18 साल की उसकी मेडिकल हिस्ट्री है. पूरी पंजाब पुलिस को इसका पता है. पंजाब के अंदर एक बहुत बड़ी बीमारी ड्रग्स एडिक्शन की है. मेरा बेटा भी उसी का शिकार था. वो रात-रात भर जागता था, खाता था, पीता था और दिन में सोता था.
इन लोगों पर दर्ज की गई FIR
दरअसल, पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा और पूर्व कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के बेटे, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील अकील अख्तर (35) की हरियाणा के पंचकूला स्थित आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. परिवार की ओर से पहले इस घटना को दवाई का ओवरडोज बताते हुए मौत करार दिया गया था. इस मामले में पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा, उनकी पत्नी (कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना) और बहन सहित परिवार के अन्य सदस्यों पर हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है.
शिकायत करने वाले शम्शुद्दीन चौधरी ने क्या कहा?
इस पूरे मामले में शम्शुद्दीन चौधरी नाम के एक व्यक्ति ने पंचकूला पुलिस को शिकायत दी और अकील अख्तर के द्वारा 27 अगस्त को बनाया गया एक वीडियो भी शेयर किया. शम्शुद्दीन चौधरी पंजाब के मलेरकोटला में मोहम्मद मुस्तफा और उनके परिवार के पड़ोसी हैं. उनके मुताबिक, ये पूरा मामला बेहद ही संदिग्ध है. परिवार पिछले कई दशकों से राजनीति पंजाब के मलेरकोटला में कर रहा है, लेकिन अकील अख्तर की मृत्यु के बाद उसके शव को मलेरकोटला लाने की बजाय सहारनपुर के पैतृक गांव ले जाया गया, जहां पर पिछले कई सालों से परिवार नहीं गया है और ये बेहद ही संदेह की बात है.
शम्शुद्दीन चौधरी ने कहा कि अकील अख्तर को घर पर बंधक बनाकर रखा गया था. उसके द्वारा लगातार जो आरोप अपने वीडियो में लगाए गए हैं, उनकी जांच की जानी बेहद ही जरूरी है. इसी वजह से उन्होंने इस मामले को पंचकूला पुलिस के सामने रखा है.