आईये जानते है आखिर क्या है ज़ीका वायरस?

डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की ही तरह जीका भी मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है| ज़ीका वायरस का पहला मामला अफ्रीका में साल 1947 में सामने आया था लेकिन जीका के केसेज उस वक्त सुर्खियों में आए जब साल 2015 में ब्राजिल में जीका का कहर देखने को मिला और देखते ही देखते यह माहमारी भारत तक पहुंच गई|

वैसे तो ज़ीका वायरस एडीज मच्छर से फैलता है लेकिन यह प्रभावित व्यक्ति के साथ सेक्शुअल संपर्क बनाने की वजह से भी फैल सकता है| साल 2016 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO ने जीका को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था| गर्भवती महिलाओं के साथ ही होने वाले बच्चे पर भी जीका का खतरा अधिक बना रहता है|

ज़ीका वायरस सबसे पहले बंदरों में देखा गया था| वर्ष 1947 में युगांडा स्थित जीका के जंगलों में जो बंदर थे, वह इस वायरस से संक्रमित थे और इसी वजह से इस वायरस का नाम जीका पड़ा था|

इस वायरस को वर्ष 2007 में कैरीबियन कंट्री माइक्रोनेशिया के एक आईलैंड याप में देखा गया और यहां से यह वायरस लैटिन अमेरिकी देशों की ओर बढ़ता गया| दिसंबर 2015 में लैटिन अमेरिकी देश प्यूर्टो रिको में इसका पहला लक्षण दिखा|

ज़ीका वायरस के लक्षण :-

आज के बदलते युग मे हर चीज़ की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है| ख़ासकर हमारे वातावरण मे, फैल रही बिमारी और उसके सम्बन्ध मे, उसकी जानकारी उसके लक्षण जिससे, व्यक्ति उससे अवगत रहे,और सावधानी बरते|

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लक्षण

यह एक तरह के मच्छर के काटने से होता है|जिसमे हल्का बुखार, बेचेनी, लाल चक्कत्ते और आखें लाल हो जाती है, आखोँ से पानी निकलने लगता है|
यह व्यक्ति के शरीर मे डेंगू, चिकनगुनिया या पीले बुखार के रूप मे होता है|
ऐसा 2 से 7 दिन तक होता है|
गर्भवती महिलाओं मे इन्फेक्शन बहुत जल्दी फैलता है, तथा अजन्मे भ्रूण पर इसका बुरा असर होता है|
इसके अलावा यह नवजात शिशु और उनकी माँ पर भी जल्दी असर करता है|
इसके लक्षण लगभग डेंगू की तरह ही होते है|

प्रभाव

यह वायरस इतना खतरनाक है कि अगर किसी गर्भवती महिला को हो जाए तो गर्भ में पल रहे बच्चे को भी यह बुखार हो सकता है| जिस वजह से बच्चे के सिर का विकास रूक सकता है और वर्टिकली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन भी फैल सकता है| वर्टिकली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन में स्किन रैशेज़ या दाग, पीलिया, लिवर से जुड़ी बिमारियाँ, अंधापन, दिमागी बीमारी, ऑटिज्म, सुनने में दिक्कत और कई बार बच्चे की मौत भी हो सकती है|

वहीं, वयस्कों में ज़ीका वायरस गुलैन-बैरे सिंड्रोम का कारण बन सकता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करती हैं, इस वजह से शरीर में कई दिक्कतों की शुरुआत होती है| कभी-कभी इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति पैरालिसिस का शिकार भी हो सकता है|

बचाव के उपचार

जिस तरह हर समस्या का समाधान कही ना कही होता ही है| ठीक उसकी तरह, हर बीमारी का इलाज़ या उपचार होता है, बशर्ते कि, किसी को उपचार जल्दी मिलता है तो किसी का देर से| जिका वायरस भी एक ऐसी बीमारी है, जिसके लिये अलग से अभी तक तो, कोई उपचार दवाई या टीका नही बन पाया है| परन्तु इसके सम्बन्ध मे खोज निरंतर जारी है|

आस-पास का वातावरण स्वच्छ रखे|
समय-समय पर कीटनाशक दवाइयों का छिडकाव कराये|
स्वच्छ धुले हुए हलके रंग के वस्त्र पहने|
बार-बार हाथ-पैर धोये| किसी भी प्रकार की गन्दगी ना रखे ना ही होने दे|
तुरन्त चिकित्सक को दिखाये और अपना सामान्य रूप से इलाज़ कराये|
बाहर के पेकिंग खाद्य पदार्थो का उपयोग ना करे|
किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरते, विशेष रूप से गर्भवती महिलाएं व नवजात शिशु और उनकी माता|

डॉक्टरों को कब दिखाएं

यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को जीका वायरस का संक्रमण होने की आशंका होती है, विशेष तौर पर जब हाल ही में किसी ऐसी जगह गए हों जहां इसका प्रकोप था तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें| रोग नियंत्रण एवं बचाव केन्द्रों में जीका वायरस और इसी तरह की अन्य बीमारियों, जैसे डेंगू तथा चिकनगुनिया आदि का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है जो एक ही प्रकार के मच्छरों के काटने से होती हैं|

कहाँ-कहाँ फेल चुकी है ये बीमारी

अब इसका फैलाव ब्राजील समेत कई दक्षिण अमेरिकी देशों में हो चुका है| ब्राजील में विश्व भर से पर्यटकों के आने जाने के कारण वहां से इसके पूरी दुनिया में फैलने का डर है|

ब्राजील के साथ ही पैरागुए, कोलंबिया, वेनेजुएला, फ्रेंच गयाना, सूरीनाम और मेक्सिको, हैती, प्युएर्तो रीको में ज़ीका वायरस का कहर है| जबकि अर्जेंटीना, चिली, बोलिविया, पेरू, एक्वाडॉर, कोस्टा रिका, एल सैल्वडॉर, ग्वातेमाला, होंडूरास, पनामा, में खतरा मंडरा रहा है|

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ज़ीका वायरस की जांच कैसे की जाती है

डॉक्टर आपसे अब तक हुई बीमारियों और यात्रा का विवरण ले सकते हैं| डॉक्टर को अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्रा के बारे में पूरी जानकारी दें, मसलन किन देशों में गए हैं, किसी से यौन संबध बना हो तो उसके बारे में तारीख से साथ बताएं और यदि कहीं ऐसी जगह गए हों जहाँ मच्छर रहे हों|

अपने डॉक्टर से जीका या इसी किस्म की बीमारियों, जैसे डेंगू या चिकनगुनिया की जांच के लिए अपने इलाके में उपलब्ध सुविधा के बारे में पूछें| ये बीमारियां एक ही प्रजाति के मच्छर के काटने से होती हैं|

Image Source :- webmd.com

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