देहरादून : उत्तराखण्ड 2022 के विधानसभा चुनाव में जिन 70 सत्तर सीटों में से आप की जमानत बची थी तो उनमें से एक सीट थी बागेश्वर ओर वह प्रत्याशी बसन्त कुमार थे। जिन्होंने (Trust Also Won) लगभग 16100 मत प्राप्त करे वही कोंग्रेश प्रत्यासी लगभग 20100 ओर दोनों के मिलाकर लगभग 36000 वोट होते हैं जबकि 2022 में स्वर्गीय चंदस दस जी को 32000 लगभग वोट मिले थे जो महागठबंधन से 4000 कम थे जो अभी देश मे बने महागठबन्दन के बाद बड़ी चुनोती थी।और 4000 यह चाहिए थे और जीत के लिए भी वोट की आवश्यकता थी।
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उप चुनाव में लगभग आठ दस हजार वोट का कम होने का अंदेशा इन आदेशों ओर चुनोतियो को धामी जी ने समय रहते भांप लिया चुनाव का रुख ओर अंतिम समय मे लग गए मिशन विजयी बागेश्वर में और मोदी जी के धर्मस्थलों में किये जा रहे विकास,उत्तराखण्ड के प्रति उनका प्रेम और विश्व मे भारत की बढ़ते सम्मान, मोदी जी विकास योजनाओं के प्रचार किया उसके सांथी ही अपने कार्यकाल के हित के लिए उत्तराखण्ड के हित में धर्मांतरण ओर नकल विरोधी कानून बनाने से हुए युवाओं के लाभ महिलाओं को दिये गए क्षेतिज आरक्षण जैसे निर्णयों सांथ ही प्रतिभावान विद्यार्थियों की हो रही लगातर भर्तियां जैसे कार्यों को लेकर दो दिनी प्रवास कर जमकर अपनी पार्टी के पक्ष में जनता से मतदान करने का निवेदन किया।
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Trust Also Won – जिसका नतीजा महागठबंधन की मजबूत सीट को धामी जी की व्यूह रचना ने कठिन सीट को जीतकर मोदी जी और अपने नरेतत्व को साबित कर दिया जिससे मोदी जी का एक बार पुनः विश्वास जीतते हुए उत्तराखण्ड में गुजरात मध्यप्रदेश की तर्ज पर यह साबित कर दिया कि मोदी जी ने जो विश्वाश उन्हें एक स्थायी मुख्यमंत्री बनाकर किया है। उसमें वह सटीक बैठते जा रहे है और जो पार्टी के भीतर उन्हें जो नेता मानने में संकोच करते थे या कहे अपनी बयान बाजी से पार्टी की सरकार पर सवाल उठाने का प्रयास करते थे उनके मुह पर ताला लगेगा।