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दुनिया में बज रहा भारतीय BrahMos Supersonic Missile का डंका, कई देशों में है डिमांड

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BrahMos Supersonic Missile

एक वक्त का था जब हम रक्षा क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए दूसरे देशों के मोहताज थे. लेकिन अब इस मोर्चे पर भारत की स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है. 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के सपने को लेकर आगे बढ़ रहा और भारत रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की राह पर धीरे-धीरे, लेकिन मजबूती के साथ कदम आगे बढ़ा रहा है. और आलम यह भी है कि भारत में बनी चीजों की दुनिया दिवानी हो रही है.

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एक्सपोर्ट को लेकर चल रही है बात

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन डॉ समीर वी. कामत ने BrahMos Supersonic Missile के एक्सपोर्ट को लेकर अहम जानकारी दी है. उन्होंने भारतीय सेना को मिलने वाली ‘अडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम’ का अपडेट भी दिया है. ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर उन्होने बताया है कि भारत अगले 10 दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए ग्राउंड सिस्टम का एक्सपोर्ट शुरू करेगा.

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इस साल मार्च तक क्रूज मिसाइलें भेजे जाने की उम्मीद है. ये ऐलान डिफेंस टेक्नोलॉजी क्षेत्र में खासतौर पर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के क्षेत्र में भारत की प्रगति को दिखाता है.BrahMos Supersonic Missile के एक्सपोर्ट को लेकर कई देशों के साथ बातचीत भी चल रही है. इसके अलावा डीआरडीओ ने जिन तीन सौ सात एटीएजीएस बंदूकों को डेवलप किया है और जिनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम जैसी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां कर रही हैं, इनके भी इस साल के अंत तक विदेशों से ऑर्डर आ सकते हैं.

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दक्षिण एशिया देशों ने दिखाई है रूचि

दरअसल, जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर 375 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था. इसके तहत फिलीपींस को मिसाइलों की डिलीवरी होनी है. 290 किमी रेंज वाली इन मिसाइलों को एक्सपोर्ट करने का ये अपनी तरह का पहला समझौता था. इस डील के तहत दो सालों में एंटी-शिप वर्जन की तीन मिसाइल बैटरियों को एक्सपोर्ट होना है. माना जा रहा है कि इसी कड़ी में ब्रह्मोस मिसाइलों को फिलीपींस को एक्सपोर्ट किया जाएगा. तो वहीं ब्रह्मोस मिसाइलों को खरीदने में दक्षिण एशिया के कई मुल्कों ने दिलचस्पी दिखाई है. इसमें इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं.