
कथैल के गांव साग्रा का दौरा करते हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच।
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हरियाणा के कैथल जिले के गोग से होते हुए पंजाब के साग्रा गांव तक भव्य सरस्वती कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। साथ ही एतिहासिक पहलुओं से इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पहले से ही कैथल के गांव पोलड़ से लेकर पिहोवा तक सरस्वती नदी के किनारे सड़क का निर्माण कार्य स्वीकृत है। इससे गांव पोलड़ के सरस्वती तीर्थ पर पर्यटक सहजता से पहुंच पाएंगे।
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने सोमवार को गांव पोलड़ और सीमा पर स्थित पंजाब के साग्रा का दौरा किया। साथ ही घग्गर नदी का निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय लोगों से बातचीत कर पंजाब की तरफ से आने वाली घग्गर के माध्यम से बरसात के समय पानी की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की है।
उन्होंने बताया कि पंजाब की तरफ से आने वाले घग्गर से पिछले सीजन से 10 गुणा ज्यादा पानी इस बार सरस्वती नदी में पहुंचा है, सरस्वती नदी और घग्गर का संगम गांव पोलड़ और साग्रा में होता है, यहां से यह पानी सरस्वती नदी के माध्यम से सिरसा की तरफ निकल जाता है। इस सीजन में बहुत अधिक मात्रा में पानी आया और सरस्वती नदी के माध्यम से पानी आगे की तरफ निकल गया। अगर सरस्वती नदी नहीं होती तो बाढ़ के पानी से बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता था।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से गांव गोग से होते हुए पंजाब के साग्रा गांव तक सरस्वती कॉरिडोर परियोजना पर कार्य शुरू किया जा चुका है। घग्गर से पहले एक सरस्वती जलाशय का निर्माण भी किया जाएगा ताकि इस जलाशय में बरसात के पानी का प्रबंध किया जा सके।
इससे गांव पोलड़ व आसपास के क्षेत्र में भूजल स्तर में भी काफी सुधार होगा। इसके अलावा सरस्वती नदी के किनारे पिहोवा के गांव गुलडेहरा, स्योंसर, सरस्वती जंगल, सतोड़ा, सरस्वती शाखा, पोलड़ रिवर फ्रंट, अंदली तीर्थ, पिसोल तीर्थ को भी विकसित किया जा रहा है।