उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 26 सितंबर की हिंसा के बाद आईएमसी प्रमुख और हिंसा का मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद मौलाना अब नए मुसीबत में फंस गए हैं. बदायूं जिले की रसूलपुर पुठी साधन सहकारी समिति ने उनके खिलाफ बकाया (account came after 35 years) वसूली की कार्यवाही शुरू कर दी है. समिति की ओर से बरेली में मौलाना के बिहारीपुर सौदागरान स्थित घर पर अंतिम नोटिस चस्पा किया गया है.

समिति ने मौलाना तौकीर रजा से 40,555 रुपये की बकाया राशि जमा करने को कहा है. इस रकम में मूलधन और वर्षों से बढ़ा ब्याज शामिल है. यदि उन्होंने 15 दिनों के भीतर रकम नहीं चुकाई, तो उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

इसे भी पढ़ें – गर्लफ्रेंड की शादी से बौखलाहट: घर में घुसकर रेत डाला गला, पुलिस ने एनकाउंटर के बाद किया अरेस्ट

दरअसल समिति सचिव हृदेश कुमार ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा ने वर्ष 1990 में करीब 5,055 रुपये का कृषि ऋण लिया था. यह लोन फसली खेती के लिए खाद और बीज खरीदने के मकसद से लिया गया था. लेकिन आज तक इसकी अदायगी नहीं की गई. बैंक रिकॉर्ड के अनुसार, वर्षों तक ब्याज बढ़ता गया और अब तक की कुल बकाया राशि करीब 40,555 रुपये हो गई है. समिति ने इस बकाया की वसूली के लिए 1 अक्टूबर को अंतिम नोटिस जारी किया जिसे अब बरेली स्थित उनके घर पर चस्पा किया गया है.

account came after 35 years – जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरिबाबू भारती ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा की बकाया वसूली को लेकर बैंक ने राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी है. उन्होंने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि मौलाना ने बदायूं की अपनी कई संपत्तियां पहले ही बेच दी हैं. ऐसे में अब बैंक जहां भी मौलाना की संपत्ति मिलेगी, वहां कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है.

Share.
Exit mobile version