कानपुर में परीक्षार्थी के साथ लापरवाही करने के लिए बैंक पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. ये जुर्माना उपभोक्ता फोरम की तरफ से लगाया गया है. बैंक को ये राशि ब्याज सहित पीड़ित युवक को देना होगा. कानपुर कोर्ट की उपभोक्ता फोरम ने इस मामले को परीक्षार्थी के भविष्य से खिलवाड़ माना और बैंक के खिलाफ आदेश जारी किया. यह (UPSC student got justice) आदेश उन बैंक कर्मियों के लिए नजीर है जो उपभोक्ताओं के कामों में लापरवाही बरतते हैं.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लापरवाही के कारण एक परीक्षार्थी की परीक्षा छूट गई. इससे उसके जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता था. परीक्षार्थी को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास करने का पूरा भरोसा था. बैंक कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से उसकी ऑनलाइन फीस समय पर जमा नहीं हो पाई. इस वजह से वह परीक्षा नहीं दे सका.

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परीक्षार्थी ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और बैंकिंग लोकपाल से भी शिकायत की, लेकिन बैंकिंग लोकपाल ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया. बैंक कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद परीक्षार्थी ने उपभोक्ता फोरम का सहारा लेते हुए कानपुर न्यायालय की उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करवाई.

 UPSC student got justice – उपभोक्ता फोरम ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गलती से परीक्षा छूटने पर परीक्षार्थी को ₹7 लाख की क्षतिपूर्ति मय ब्याज देने का सख्त निर्देश दिया है. यह ब्याज केस दाखिल करने की तारीख से लेकर भुगतान की तारीख तक 7% वार्षिक दर से देना होगा. साथ ही, केस के खर्च के रूप में ₹10,000 अलग से देने के भी आदेश दिए गए हैं.

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