मध्यप्रदेश के हरदा जिले में बीजेपी की नगर पालिका अध्यक्ष को हटाने के लिए सियासी संग्राम शुरू हो गया है. बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद एकजुट हो गए हैं. बीजेपी के पार्षद तो इतने नाराज हैं कि अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन लेकर हरदा कांग्रेस विधायक आरके दोगने के साथ कलेक्टर ऑफिस पहुंच गए. हालांकि बाद में पार्षदों ने (no confidence motion) इसको संयोग बताया. कहा कि विधायक के साथ नहीं आए हैं, जबकि कांग्रेस विधायक आरके दोगने ने साथ में आने का दावा किया है.

दरअसल, जिले की सिराली नगर परिषद में उठापठक चल रही है. जहां अध्यक्ष को हटाने के लिए BJP पार्षदों के साथ कांग्रेस के पार्षद भी एक हो गए. सोमवार को नगरपरिषद के 15 में से 13 पार्षद अपना इस्तीफा देने हरदा कलेक्ट्रेट पहुंचे. इन पार्षदों ने हरदा से कांग्रेस विधायक डॉ. आरके दोगने और कांग्रेस के जिला प्रवक्ता आदित्य गार्गव के साथ कलेक्टर सिद्धार्थ जैन से मुलाकात की.

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इन सभी पार्षदों ने नगर परिषद अध्यक्ष अनीता अग्रवाल की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त किया और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस विधायक डॉ. आरके दोगने ने कहा कि सिराली नगर परिषद के 10 बीजेपी और तीन कांग्रेस पार्षद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. उन्होंने इन पार्षदों को कलेक्टर से मिलवाया है. कलेक्टर ने अपर कलेक्टर (ADM) पुरुषोत्तम कुमार को पार्षदों का सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं.

no confidence motion – उधर, इस घटनाक्रम के बाद BJP जिलाध्यक्ष और टिमरनी के पूर्व विधायक संजय शाह ने पत्रकारों को बतया कि सबंधित पार्षदों को बुलाया है. इस दौरान जिलाध्यक्ष राजेश वर्मा ने माना कि परिषद के पार्षद नगर परिषद की अध्यक्ष अनीता अग्रवाल की कार्यप्रणाली से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि नए संशोधन के बाद पुराने अध्यक्ष को हटाना और पार्षदों में से किसी नए को अध्यक्ष बनाना आसान नहीं है. इसलिए पार्षदों की मांग नहीं मानी जा रही है.  

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