उत्तराखंड के हर्षिल इलाके में आई भारी बारिश और बाढ़ के बाद भारतीय सेना लगातार लोगों की मदद कर रही है. राहत और बचाव के काम के साथ अब सेना ने वहां मोबाइल और फोन संपर्क भी दोबारा शुरू कर दिया है. सेना ने 7 अगस्त यानी कल अपने सैटेलाइट और रेडियो सिस्टम चालू किए, जिससे फंसे हुए लोग अपने घरवालों से बात कर सके. बहुत से लोगों ने सैटेलाइट इंटरनेट कॉल के जरिए अपने परिवार से बात की. जब अपनों की आवाज (rescue work in Harshil) सुनने को मिली, तो कई लोग भावुक हो गए.

लोगों ने सेना का दिल से धन्यवाद किया और कहा कि उनकी जान बचाने और अपनों से बात करवाने के लिए सेना ने बड़ी मदद की है. सेना अब इलाके में और भी नेटवर्क लाइनें बिछा रही है, ताकि सभी गांवों में जल्द से जल्द संपर्क दोबारा हो सके.

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उत्तराखंड के धाराली गांव में 6 अगस्त को बादल फटने के बाद से लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा, जो उत्तर भारत एरिया के जीओसी (GOC) हैं, खुद मौके पर मौजूद रहकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. कठिन मौसम और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों के बावजूद भारतीय सेना के जवान लगातार काम कर रहे हैं. सेना की टीमें रास्ते साफ करने, फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने, इलाज देने और जरूरी सामान पहुंचाने में जुटी हैं.

rescue work in Harshil – उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र में आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद चल रहे राहत और बचाव कार्यों में भारतीय सेना ने अपने ट्रेन्ड डॉग स्क्वॉड और आधुनिक ड्रोन तकनीक को भी तैनात कर दिया है. सेना के ये स्पेशल ट्रेनिंग वाले कुत्ते मलबे में फंसे लोगों को ढूंढ़ने में मदद कर रहे हैं. वहीं, ड्रोन कैमरों की मदद से ऊंचे और दुर्गम इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, जिससे राहत कार्यों की रफ्तार और भी तेज हुई है.

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