
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन
– फोटो : सोशल मीडिया
हवाईअड्डे की तर्ज पर अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन का प्रवेश द्वार होगा। इसमें भारतीय संस्कृति की झलक नजर आएगी। स्टेशन पर दाखिल होते ही मॉल की तरह खान-पान की सुविधा, वेटिंग रूम सहित एक छोटा बाजार होगा। वहीं रेलवे परिसर में ही एक इमारत तैयार की जाएगी। इसमें रेलवे अधिकारियों के विभागीय कार्यालय होंगे जो अभी प्लेटफार्म एक पर हैं।
यह सभी बदलाव रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) द्वारा तैयार किए जा रहे नए नक्शे में होंगे। आरएलडीए की ओर से तैयार किए गए पहले नक्शे को रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने नकार दिया था। इस पर नाराजगी भी जाहिर की थी।
उत्तर रेलवे अंबाला मंडल के अधीन चंडीगढ़ स्टेशन का भी कायाकल्प किया जा रहा है। इस पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कार्य भी आरएलडीए द्वारा किया जा रहा है। इसी प्रकार सहारनपुर रेलवे स्टेशन को भी विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने की योजना पर कार्य किया चल रहा है। वहीं अंबाला कैंट स्टेशन को भी सुरक्षा व सुविधा में अव्वल रखने के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं।
छोटे स्टेशनों पर शुरू होगा कार्य
अंबाला मंडल के अधीन लगभग 15 छोटे-बड़े रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जाएगा। छह अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन माध्यम से भारत के स्टेशनों पर होने वाले कार्यों का शिलान्यास करेंगे। इस संबंध में अंबाला सिटी रेलवे स्टेशन पर एक विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें गणमान्य सहित सभी प्रशासनिक और रेलवे अधिकारी मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि अंबाला मंडल के अधीन आने वाले 15 रेलवे स्टेशनों पर लगभग 167 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक स्टेशन पर लगभग 20 से 25 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।
अधिकारी के अनुसार
आरएलडीए ने जो पहला नक्शा तैयार किया था, उस पर मंत्रणा किए बगैर ही आरएलडीए के अधिकारी रेल मंत्री के पास पहुंच गए। रेल मंत्री ने नक्शे को नकार दिया। उन्होंने कुछ बदलाव के निर्देश दिए थे। इस संबंध में आरएलडीए के साथ पत्राचार किया गया। अब उन्होंने नए सिरे से नक्शा तैयार करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। -मंदीप सिंह भाटिया, डीआरएम, अंबाला मंडल रेलवे।