एनडीए में सीटों के बंटवारे में संख्या तो तय हो गई लेकिन सीटों को तय करने में अभी भी पेंच फंसा है. सीट बंटवारे के लिए आज होने वाली एनडीए की संयुक्त पीसी भी टल गई है. सीटों के बंटवारे में (now stuck on strike rate) जेडीयू के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव का हवाला दे रहे हैं. जेडीयू नेता कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17 और जेडीयू 16 सीटों पर लड़ी थी.

now stuck on strike rate – बीजेपी से एक कम सीट पर लड़ने के बावजूद जेडीयू के 12 लोकसभा सांसद चुने गए. जेडीयू का स्ट्राइक रेट बीजेपी से बेहतर रहा. गिरिराज सिंह ने जेडीयू के इसी दावे पर जवाबी हमला किया है. गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘ये होता है असली स्ट्राइक रेट. आज मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट का झुनझुना बजा रहे हैं.

JDU-BJP में ‘स्ट्राइक रेट’ पर विवाद

गिरिराज ने आगे लिखा, 243 में से 206 सीटें जीतीं. जदयू ने 141 में से 115 सीटें जीतीं. स्ट्राइक रेट 81%. बीजेपी ने 102 में से 91 सीटें जीतीं. स्ट्राइक रेट 89%. इतनी प्रचंड जीत बिहार की राजनीति में फिर कभी नहीं दोहराई गई. तब भी धर्मेंद्र प्रधान जी प्रभारी थे. आज भी प्रभारी हैं. गिरिराज ने इशारों ही इशारों में चिराग पासवान पर भी निशाना साधा है.

नीतीश कुमार अब नहीं रहे ‘बड़े भाई’

दरअसल, बिहार में अब तक नीतीश कुमार एनडीए में बड़े भाई की भूमिका निभाते रहे थे, लेकिन सीटों के ऐलान के बाद अब ऐसा नहीं रहा है. एनडीए में अब सब बराबर हो गए हैं. इस बार बीजेपी और जदयू को 101-101 सीटें मिली हैं. 2005 से लेकर 2020 तक के चुनावों में बड़े भाई की भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार पहली बार एनडीए में बराबर दिखाई देंगे.

 

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