उत्तराखंड के चमोली जिले से निर्माणाधीन 60 मीटर बैली ब्रिज के ढह जाने की खबर है. ये बैली ब्रिज चमोली जिले के थराली तहसील में रतगांव के ढाढरबगड़ गदेरे में ढहा. ढाढरबगड़ में लगभग 60 मीटर लंबा बेली ब्रिज निर्माणाधीन था. बैली ब्रिज के ढहने से रतगांव की 4000 से अधिक आबादी प्रभावित हुई है. बैली ब्रिज के (case filed against contractor) ढहने से 4000 से अधिक आबादी का मुख्य रास्ते से संपर्क कट गया है. इस ब्रिज की लागत 2.80 करोड़ों रुपये थी.

ब्रिज ढहने को लेकर लोक निर्माण विभाग की ओर से थराली थाने में ठेकेदार के खिलाफ तहरीर दी गई है. पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि ये निर्माणाधीन ब्रिज इसलिए ढहा, क्योंकि ठेकेदार के श्रमिकों ने रस्से और सपोर्ट एक साथ हटा दिए. यही कारण है कि ब्रिज भार नहीं सह सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा. उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की ओर से साल 2024 यानी की पिछले वर्ष डूंगरी-रतगांव रास्ते पर घटगाड़ में ये 60 मीटर लंबा बैली ब्रिज बनाने की स्वीकृति दी गई थी.

case filed against contractor – लोक निर्माण विभाग ने दो महीने पहले ही इस ब्रिज को बनाना शुरू किया था. ब्रिज का निर्माण काम करीब पूरा हो गया था, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते ये पुल ढह गया और टूटकर गिर गया. अच्छी बात ये रही कि जिस समय ये ब्रिज गिरा, उस समय ब्रिज पर कोई नहीं था नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था. स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ब्रिज के निर्माण की जांच की जाए. साथ ही लोगों की मांग है कि इस ब्रिज को बरसात से पहले बनाया जाए.

 

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