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धूमधाम से मनाया गया सीआईएसएफ का 53वां स्थापना दिवस,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रहे मौजूद

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CISF

गाजियाबाद : सीआईएसएफ (CISF) के जवानों ने इंदिरापुरम स्थित सीआईएसएफ की 5वीं सीआईएसएफबटालियन में रविवार को 53वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। वहीं कमांडो, अग्निशमन, सिक्योरिटी और क्राइम सहित दस टुकड़ी के जवानों ने अपने अपने कार्य कौशल का बखूबी प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मुख्य अथिति केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परेड की सलामी ली।स्वर से स्वर और राग से राग मिलाते हुए बैंड टुकड़ी धुन बजाई गई। विभिन्न दलों की टुकड़ी के कदमों से परेड शुरू हुई। परेड सलामी मंच से होते हुए वॉयस अपने स्थान पर पहुंची। इससे पूर्व गृहमंत्री ने सलामी लेते हुए टुकड़ी का निरीक्षण किया।

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शाह ने अपने अभिभाषण में कहा कि निजी क्षेत्र की विभिन्न औद्योगिक एवं विनिर्माण इकाइयों को प्रभावी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार का अर्धसैनिक बल सीआईएसएफ और निजी सुरक्षा एजेंसियां हाथ मिला सकती हैं। क्योंकि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) जैसी सरकारी सुरक्षा एजेंसियां ​​देशभर में इस काम को अकेले अंजाम नहीं दे सकतीं और वे धीरे-धीरे इसे निजी सुरक्षा एजेंसियों के हवाले कर सकती हैं। उन्होंने सीआईएसएफ को अगले 25 साल का खाका भी तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि भारत जब अपनी आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करे, तब तक यह एक ‘परिणाम-उन्मुख’ सुरक्षा एजेंसी के रूप में उभर सके। शाह ने सीआईएसएफ से निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी लेने पर विचार करने को भी कहा। अमित शाह ने कहा कि भारत अगले 25 वर्षों के दौरान 2.5 ट्रिलियन डॉलर से पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की यात्रा शुरू कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को 2.5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में सीआईएसएफ के योगदान को पिछली सरकारों ने नजरअंदाज कर दिया था।

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गृह मंत्री ने सीमाओं और बंदरगाहों के पास स्थित औद्योगिक इकाइयों पर ड्रोन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर सीआईएसएफ से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसी एजेंसियों के साथ मिलकर इस खतरे के खिलाफ एक प्रभावी प्रौद्योगिकी तैयार करने को कहा।

कार्यक्रम में सीआईएसएफ (CISF) के महानिदेशक शील वर्धन सिंह ने कहा कि सीआईएसएफ भारत में निजी सुरक्षा एजेंसियों के प्रशिक्षण और प्रमाणन में बेहद अहम भूमिका निभा सकता है, जो फिलहाल असंगठित तरीके से काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ हवाई अड्डों और बंदरगाहों के अलावा ड्रोन विरोधी अभियान और समुद्री एवं त्वरित परिवहन प्रणाली में एक ‘विशेष ‍एवं एकीकृत’ सुरक्षा एजेंसी की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।