जनरल अनिल चौहान (CDS Anil Chauhan) ने शुक्रवार को भारत के दूसरे प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला। उनके सामने सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों के बीच समन्वय और महत्वाकांक्षी ‘थियेटर’ कमान के निर्माण का लक्ष्य है, ताकि देश की सेनाओं को भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। जनरल चौहान सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख रह चुके हैं। तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में, भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के 9 महीने से ज्यादा समय बाद जनरल चौहान ने वरिष्ठतम सैन्य कमांडर का दायित्व ग्रहण किया है। जनरल चौहान ने कहा, ‘मैं सेना के तीनों अंगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा।
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CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा, ‘मुझे गर्व है कि आज मैं भारतीय सेनाओं के प्रमुख पद पर कार्यभार संभालने जा रहा हूं। भारत सरकार, तीनों सेनाओं की आशाओं को पूरा करने की कोशिश करूंगा। हमारे सामने सुरक्षा संबंधी जो भी चुनौतियां और मुश्किलें हैं उसको साझा रूप से दूर करने की कोशिश करेंगे।जनरल चौहान को चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा को लेकर विवाद बना हुआ है। भारतीय सेना के बेहद अनुभवी और अलंकृत अधिकारी, 61 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल चौहान रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर भी काम करेंगे।
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CDS Anil Chauhan – वह पूर्वी कमान के प्रमुख के पद से बीते साल 31 मई को रिटायर हुए थे। इसके बाद वह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अधीन सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। सीडीएस का कार्यभार ग्रहण करने से पहले जनरल चौहान ने इंडिया गेट पर राष्ट्रीय समर स्मारक पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्हें रायसीना हिल्स में साउथ ब्लॉक के लॉन पर तीनों सशस्त्र सेनाओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
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जनरल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ था और 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में उन्हें कमीशन मिला था। जनरल चौहान 2019 में बालाकोट हमले के दौरान सेना के सैन्य परिचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) थे। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के जवाब में भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट पर हवाई हमले किये थे और जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्रों को बर्बाद कर दिया था। जनरल चौहान ने देश के दूसरे सीडीएस का कार्यभार संभालने के बाद ‘फोर-स्टार रैंक’ धारण की है। वह ऐसे पहले सेवानिवृत्त अधिकारी बन गए हैं जिन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद चार सितारा रैंक के साथ सेवा में वापसी की।