हरियाणा के भिवानी में एक महंत की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद उनकी लाश को नहर में फेंक दिया था. पहले आरोपियों ने उनका डेरे से अपहरण किया था और फिर हत्या कर शव को फेंक दिया था. पुलिस ने उनका शव बरामद किया, जिसके बाद मामले की जांच की गई तो सामने आया कि उनकी हत्या उनके ही दो चेलो ने की. चेलों की डेरे की गद्दी पर नजर थी.

ये मामला भिवानी के नांगल गांव में स्थित श्रीनाथ डेरे से सामने आया है, जहां के महंत योगी चंबानाथ का शव 16 अक्टूबर को झज्जर से गुजरने वाली जेएनएल नहर से बरामद किया था. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया तो सामने आया कि उनकी हत्या गला दबाकर की गई है. इससे पहले उनका डेरे में ही अपहरण कर लिया गया था.

सरपंच ने किडनैपिंग का केस दर्ज कराया

महंत चंबानाथ के किडनैप होने के बाद गांव के सरपंच कुलदीप ने केस दर्ज कराया था. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो शव नहर से बरामद हुआ. पुलिस ने शक के आधार पर रोहतक से भराण गांव के रहने वाले दीपक और मातू भैणी गांव के रहने वाले वीरेंद्र को हिरासत में लिया. जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने सच उगल दिया. उन्होंने बताया कि महंत की हत्या की साजिश उन दोनों ने मिलकर रची थी.

गद्दी के लालच में आकर की महंत की हत्या

इसके साथ ही पूछताछ में दोनों ने ये भी बताया कि वह महज 2 से 3 बार ही डेरे में आए थे. उन्होंने देखा कि डेरे में महंत अकेले ही रहते हैं. उनके पास कोई चेला नहीं है. ऐसे में उन्होंने महंत से कहा कि वह उन्हें अपना चेला बना लें, लेकिन उन्होंने दोनों को चेला बनाने से मना कर दिया. तभी दोनों आरोपी गद्दी की लालच में आ गए महंत की हत्या की साजिश रच डाली. उन्होंने महंत का अपहरण किया और गला दबाकर शव को नहर में फेंक दिया.

आरोपियों को 4 दिन की रिमांड पर भेजा

पुलिस ने झज्जर से होकर गुजरने वाली नहर से महंत का शव बरामद किया. अब आरोपियों को चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जबकि अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है. पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि देकर महंत को समाधि दी. सरपंच कुलदीप के मुताबिक डेरे की गद्दी के विवाद में यह हत्या की गई. उन्होंने बताया कि गांव की लगभग आठ एकड़ पंचायती जमीन पर डेरा बना हुआ है. करीब 18 साल पहले महंत योगी चंबानाथ यहां आए थे और इसी भूमि पर डेरा स्थापित किया था.

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