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जंगलों का विनाश करके कोयला खनन उचित नहीं – टीएस सिंहदेव

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TS Singh Dev

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में राजस्थान को कोल ब्लॉक की मंजूरी का भारी विरोध हो रहा है। सर्व आदिवासी समाज और ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी है। सोमवार को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singh Dev) परसा कोल माइंस क्षेत्र के गांवों में पहुंचे। सरगुजा के हरिहरपुर गांव में आंदोलनरत ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि घने जंगलों का विनाश करके कोयला खनन नहीं होना चाहिए। कोयला ऐसी जगहों से भी निकाला जा सकता है, जहां जंगल नहीं हैं। अगर ग्रामीण एकजुट रहे तो उनकी जमीन कोई नहीं ले सकता। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि राहुल गांधी से मुलाकात कर प्रभावित ग्रामीणों का दर्द उन्हें बताएंगे।

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TS Singh Dev – टीएस सिंहदेव परसा कोल ब्लॉक के घाटबर्रा-हरिहरपुर जंगल पहुंचे। पेड़ों की कटाई के विरोध में जंगल में बैठे ग्रामीणों से मुलाकात की और उनसे चर्चा कर उनकी राय भी जानी। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि पहले सभी बढ़िया से राय सलाह करो। एक स्पष्ट राय बनाकर अपना पक्ष रखें। मैं आपके साथ हूं। यदि ग्रामवासियों का निर्णय विरोध में हैं तो किसी भी हालत में जंगल की कटाई नहीं करने देंगे। सिंहदेव ने कहा कि मैं इस मामले में मुख्यमंत्री से भी मिला था। ग्राम सभा की तिथि बढ़ाने का आग्रह किया हूं। बहुत जल्द निर्णय लेंगे। आप सभी अपनी राय से ग्रामसभा में निर्णय करें। अभी घाटबर्रा में ग्राम सभा होना है। मेरी राय से नहीं, किसी और के राय से नहीं बल्कि आप निर्णय लें।

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जैव विविधता से भरे और समृद्ध हसदेव अरण्य के जंगल में प्रस्तावित परसा ईस्ट, केते बासेन परियोजना में 2711 हेक्टेयर भूमि पर कोयला खनन किया जाएगा। इसमें 1898 हेक्टेयर भूमि वनक्षेत्र है और बाकी परसा, फतेहपुर, हरिहरपुर एवं घाटबर्रा के ग्रामीणों की भूमि है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परियोजना को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि जो इसका विरोध कर रहे हैं, वे अपने घरों की बिजली बंद कर दें। वहीं इस विचारधारा के उलट प्रदेश के पंचायत मंत्री इस खदान को लेकर आंदोलनकारियों के साथ हैं। टीएस सिंहदेव के भतीजे एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदितेश्वर शरण सिंहदेव सहित कांग्रेस नेता भी लगातार खदान का विरोध कर रहे हैं। स्थानीय कांग्रेस भी जंगल कटाई का विरोध कर रहे हैं।