लखनऊ : मोहन यादव मध्य प्रदेश ही नहीं, उप्र की राजनीति को भी (Trump Card) निश्चित ही प्रभावित करेंगे।भाजपा आज से ही तुरूक के पत्ते के रूप में प्रयोग करने की योजनाओं पर काम करने लगी है। सुलतानपुर जिले में ससुराल होने के कारण सहजता से वे यहां लोगों में अपनी बिरादरी के बीच अपनत्व की भावना जोड़ने में सफल हो सकते हैं। इससे सपा को अभी से खतरे का एहसास होने लगा है। मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित किए जाने पर उनकी ससुराल सुलतानपुर में जश्न का माहौल है। ससुराली जनों के साथ मोहल्ले के लोग सोमवार को जश्न में शामिल हुए।
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ससुर ब्रह्मनंद और साले विवेकानंद को बधाई देने का सिलसिला जारी है। परिवार के सदस्यों को फोन पर प्रत्यक्ष मिलकर
लोग बधाईयां दे रहे हैं। संघ के नेता पवनेश ने बताया कि करीब डेढ वर्ष पहले मोहन यादव आए थे। भाजपा ने मोहन को सत्ता में हिस्सेदारी देकर इस वोट बैंक को अपने साथ लाने की कवायद कर रही है। यह तो बड़े पद की बात है, लेकिन भाजपा का यह प्लान पहले चल रहा था। उत्तर प्रदेश में यादव समाज 80 के दशक से ही बहुत जागरूक और सत्ता में हिस्सेदारी में रहा है। यही कारण है कि अखिलेश के सत्ता से बाहर होने के बाद से यादव समाज फिर सत्ता में हिस्सेदारी तलाशने लगा। भाजपा ने इसे अवसर बनाया। 2017 से ही यादवों में पकड़ मजबूत करने की कोशिश शुरू कर दी।
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Trump Card – उत्तर प्रदेश में इस समय खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव हों या राज्य सभा सांसद हरनाथ सिंह यादव,ये यादव समाज में भाजपा के बड़े चेहरे हैं। आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को मैदान में उतारा।उन्होंने अखिलेश परिवार के सबसे खास धर्मेंद्र यादव को चुनाव में हराया। अब मोहन यादव के साथ-साथ यूपी में भाजपा इन्हीं बड़े चेहरों के साथ 24 के चुनाव में उतरेगी ओर यादव वोट बैंक में और सेंध लगाने की कोशिश करेगी।