उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक बड़ा रेल हादसा होने से टल गया. बकरी चराने गए किशोर की चालाकी से एक बड़ा हादसा होने से बच गया. घटनाक्रम उन्नाव के सफीपुर रेलवे स्टेशन के करीब का है. 16 साल का सृजन मिश्रा वहां बकरियों को चराने के लिए पहुंचा था. वो रेलवे की पटरियों के किनारे बकरी चरा रहा था. तभी उसे सफीपुर (saved hundreds of lives) रेलवे स्टेशन के पास दबौली मोड़ पर पटरी के नीचे की मिट्टी धंसी हुई दिखी. पटरियों में दरार भी था.

उस समय कानपुर-बालामऊ पैसेंजर ट्रेन सफीपुर स्टेशन से रवाना हो चुकी थी. सृजन ने पटरी की हालत देखकर सृजन ने तुरंत दिमाग लगाया. उसने सामने से आ रही ट्रेन को देखते ही अपनी लाल रंग की टीशर्ट को उतारा और उसे लहराने लगा. लाल रंग का कपड़ा देखकर ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी और बड़ा हादसा होने से बच गया.

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saved hundreds of lives – इसके बाद धंसी हुई रेलवे ट्रैक की जानकारी रेलवे को दी गई. सूचना के बाद रेलवे के कर्माचरी मौके पर पहुंचे. उन्होंने ट्रैक की मरम्मत की और फिर ट्रेन को वहां से रवाना किया गया. सृजन की सूझबूझ की चर्चा पूरे इलाके में है और लोग उसकी खूब तारीफ कर रहे हैं. रेलवे अधिकारियों से लेकर गांव के लोग उसकी समझदारी और बहादुरी की तारीफ कर रहे है.  
कौन है सृजन?

सृजन उन्नाव के दबौली गांव का रहने वाला है. उसकी उम्र 16 वर्ष है. गरीब परिवार से आने वाला सृजन अकसर रेलवे पटरियों की तरफ अपनी बकरियों को लेकर चला जाता था. इस बार उसने पटरी धंसी हुई देखी और उसकी चालाकी से ट्रेन के अंदर सवार सैकड़ों लोगों की जान बच गई.

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