बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी क्षेत्र से एक हैरतअंगेज (there is no way to go this village) मामला सामने आया है. क्षेत्र के भुतहा पंचायत वार्ड 8 के करीब 2000 की आबादी वाले गांव में कोई बारात लाने को तैयार नहीं है. गांव में चलने के लिए एक रास्ता भी मयस्सर नहीं हैं. हालात यह है कि रास्ता न होने के वजह से कोई इस गाँव मे शादी भी करना नहीं चाहता हैं. गाँव वालों को अपने घरों तक बारात को लाने के लिए जमीन वालों से फसल की क्षति पूर्ति कर 2 दिनों के किराए पर रास्ता लेना होता है

there is no way to go this village – गाँव के बुजुर्ग बताते है कि वे लोग बाप-दादा के समय से निजी रास्ते का उपयोग करते आ रहे हैं. हालांकि बदलते समय मे जो दो समुदाय में कटुता फैली हैं, इसकी वजह से उन लोगों का रास्ता अब रोक दिया गया हैं. ऐसे में अब उनके पास आने जाने का थोड़ा भी रास्ता था, वह भी बंद हो गया हैं. इसको लेकर प्रशासन ने कई बार नापी कराया, मगर उन लोगों को आज तक चलने के लिए रास्ता नसीब नहीं हुआ है. सभी ग्रामीण ने इसको लेकर पूर्णिया डीएम को आवेदन भी दिया है.

हिन्दू-मुस्लिम का रंग देने की हो रही कोशिश

रास्ता बंद करने वाले दूसरे समुदाय के लोगों का तर्क है कि पहले के जमाने में कई जमीन खाली रह जाती थी, जिस पर लोग आवागमन करते थे. हालांकि अब जमींदारों का भी परिवार बड़ा हो गया है. हिन्दू समुदाय के लोग जिधर से रास्ता की माँग कर रहे हैं,वह किसी और के हिस्से में है. ऐसे में अगर वह जमीन दे देगा तो उनके पास कोई जमीन नहीं बचेगी. हिन्दू समुदाय को अन्य जगह से रास्ता दिया जा रहा है, मगर वे लोग रास्ता लेने को तैयार नहीं हैं. मामले को हिन्दू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की जा रही है.

लिखित में दी जा चुकी है शिकायत

हालांकि रास्ता का यह विवाद कोई नया नहीं हैं. कई बार लोगो ने बायसी प्रशासन को इसकी लिखित शिकायत की है. वहीं अब जिलाधिकारी को भी आवेदन देकर जिला प्रशासन के संज्ञान में बात आ गई है. प्रशासन को भी चाहिए कि जल्द पहल कर रास्ता विवाद को सुलझाया जाए, नहीं तो जिस तरह लोगो ने हिन्दू-मुस्लिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया हैं, इससे आने वाले समय में यह मामला प्रशासन के लिए गले की फांस बन जाएगी.

Share.
Exit mobile version