छतीसगढ़ के चर्चित निलंबित आईपीएस अधिकारी (suspended ips officer) जीपी सिंह को हाईकोर्ट ने झटका देते हुए आज उनकी जमानत को ख़ारिज कर दिया। आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार सस्पेंड एडीजी जीपी सिंह की अंतरिम जमानत की याचिका को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया । शासन के अधिवक्ता ने जीपी को अंतरिम जमानत देने पर आपत्ति जताई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सिंगल बेंच ने निलंबित आईपीएस अधिकारी के अंतरिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया।
निलंबित एडीजी जीपी सिंह की अंतरिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई है। आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के मामले में जीपी सिंह रायपुर के केंद्रीय जेल में हैं। 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे एसीबी-ईओडब्ल्यू की 6 टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में उनके सहयोगियों समेत उनके सभी ठिकानों पर छापा मारा था, जिसमें 10 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था। इसके अलावा छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। कोतवाली पुलिस ने चालान कोर्ट में पेश कर दिया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जीपी पर केस दर्ज है।
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जीपी सिंह की गिरफ्तारी हरियाणा के गुरुग्राम से 11 जनवरी को हुई थी। उन्हें एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद रायपुर कोर्ट में पहली बार 12 जनवरी को जीपी को पेश किया गया था, सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को दो दिन की रिमांड दी थी। इसके बाद दो दिन की रिमांड पूरी होने पर 14 जनवरी को फिर पेश किया गया था। इस दिन कोर्ट ने चार दिन और रिमांड अवधि बढ़ा दी। रिमांड पूरी होने पर जीपी सिंह को रायपुर कोर्ट में विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया। जीपी सिंह ने इस पूरे मामले को राजनीतिक षड़यंत्र बताया था, जिसके बाद से प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के बीच सियासत भी तेज हो गई है।
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Suspended IPS Officer – निलंबित एडीजी जीपी सिंह के अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने रायपुर की अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। रेगुलर बेल के साथ ही अंतरिम बेल की भी मांग की गई थी। शुक्रवार को जस्टिस दीपक तिवारी की सिंगल बेंच में अंतरिम जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। अधिवक्ता ने तर्क पेश करते हुए बताया कि जीपी को पुलिस रिमांड में रखकर पूछताछ की जा चुकी है। उन्होंने एसीबी की जांच में पूरा सहयोग दिया है। जरूरत पड़ने पर वह हमेशा उपलब्ध हैं। उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में जवाब व दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है, लेकिन जेल में रहने के कारण वे जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उन्हें फार्म 1,2,3 जमा करने के साथ ही संपत्ति संबंधी अन्य दस्तावेज व अपना जवाब पेश करने मौका नहीं दिया गया है। उन्हें एसीबी के समक्ष जवाब पेश करना है, लिहाजा उन्हें केस की अंतिम सुनवाई तक अंतरिम जमानत दी जाए।