अयोध्या : राम नगरी अयोध्या में बृहस्पतिवार को भगवान राम का जन्मोत्सव (Ram Navami Festival) यानी राम नवमी का त्योहार कड़ी सुरक्षा के बीच पूरे धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने आज सुबह सरयू नदी में पवित्र डुबकी लगाई और बाद में कनक भवन, हनुमानगढ़ी और नागेश्वरनाथ सहित सभी प्रमुख मंदिरों के दर्शन किए। हिंदू पंचांग के ‘चैत्र’ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाए जाने वाले भगवान राम के ‘जन्मोत्सव’ का स्वागत करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ मौजूद रही।

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अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) मधुबन सिंह ने बताया,’भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे अयोध्या शहर में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया। रामनवमी मेले के इस बड़े धार्मिक आयोजन के लिए कोई चरमपंथी खतरा नहीं है, लेकिन हमने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव व्यवस्था की है।’ अयोध्या में सुबह-सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के साथ रामनवमी पर्व की शुरुआत हुई। माना जाता है कि दोपहर के समय जब भगवान राम का जन्म हुआ था अयोध्या के सभी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई थी।

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Ram Navami Festival – राम नवमी पर लोगों ने भगवान राम को समर्पित भक्ति गीत गाए और उनके जन्म का जश्न मनाने के लिए प्रतीकात्मक रूप से राम लला की प्रतिकृतियों को पालने में झुलाया। कई मंदिरों से राम, उनकी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान की रथ यात्रा (रथ जुलूस) निकाली गई। लाखों की संख्या में लोग पवित्र नदी सरयू के तट पर एकत्रित हुए और पवित्र स्नान किया तथा कुछ अन्य लोगों ने उपवास रखा। रामनवमी के अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि परिसर में ताजे फूलों से सुंदर सजावट की थी। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई और रामलला ने हरे रंग के वस्त्र धारण किए।

 

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