
मृतक इमाम हाफिज साद
– फोटो : फाइल फोटो
गुरुग्राम में 31 जुलाई को नूंह में भड़की हिंसा के बाद गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित निर्माणाधीन मस्जिद के नायब इमाम मोहम्मद साद की हत्या गोली लगने से नहीं बल्कि धारदार हथियारों के हमले से हुई थी। इस बात का खुलासा साद के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद हुआ है।
इससे पहले प्रशासन ने कहा था कि मो. साद की मौत की वजह गोली लगना है। मो. साद के शव का पोस्टमार्टम प्रशासन द्वारा गठित किए गए मेडिकल बोर्ड ने किया है। इसकी रिपोर्ट पुलिस प्रशासन को सौंप दी गई है। घटना को लेकर भी कई तरह की बातें कही जा रही थीं। पुलिस को इस बात का शक था कि मो. साद पर गोली से भी हमला हुआ है।
इसलिए शव का एक्सरे भी कराया गया। प्रशासन की ओर से शव के पोस्टमार्टम के लिए स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दीपक माथुर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया गया। इस मेडिकल बोर्ड में डॉ. सुधीर और डॉ. ललित भी शामिल थे। बोर्ड ने जब पोस्टमार्टम किया तो मो. साद की मौत के कारण के विषय में दूसरी ही बात सामने आई।
जाहिर हुआ कि मो. साद पर धारदार हथियार से जबरदस्त तरीके से हमला किया गया। उसके शरीर में कहीं भी गोली नहीं मिली साथ ही गोली आर-पार निकल जाने की बात भी सामने नहीं आई।