Government merged 41 years old government middle school in Mahendragarh, villagers and children locked school

राजकीय मिडल स्कूल को सरकार ने किया मर्ज
– फोटो : अमर उजाला


महेंद्रगढ़ के गांव खेड़की राजकीय मिडल स्कूल को मर्ज कर दिए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल को ताला लगा दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी। ग्रामीणों के साथ स्कूल के विद्यार्थी भी धरने पर बैठ गए हैं। ग्रामीणों ने स्कूल को वापस बहाल करने की मांग की। सूचना मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया है। समाचार लिखे जाने तक जिला शिक्षा अधिकारी उनको समझाने को लगे हुए थे।

ग्रामीणों ने स्कूल स्कूल मर्ज नहीं किए जाने की मांग की

गांव खेड़की सरपंच हरद्वारी लाल ने बताया कि मंगलवार को बैरावास स्कूल के प्राचार्य महाबीर सिंह उनके स्कूल में आए थे, उन्होंने स्कूल मर्ज होने की जानकारी स्कूल स्टाफ को दी थी। साथ ही वो स्कूल स्टॉफ को बैरावास स्कूल में ले गए लेकिन बच्चे उनके साथ नहीं गए। जब गांव में इसकी सूचना लगी तो पूरे गांव में रोष पैदा हो गया। इसलिए ग्रामीणों ने मजबूरीवश एकत्रित होकर सुबह 7:30 बजे स्कूल को ताला लगा दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

स्कूल की दूरी बढ़ी 3.5 किलोमीटर

ग्रामीणों ने बताया कि गांव बैरावास स्कूल उनके गांव से साढ़े तीन किलोमीटर दूर पड़ता है। उक्त गांव में आने जाने के लिए कोई साधन नहीं है। लोग अपने निजी वाहनों से आना जाना करते हैं। सरकारी स्कूलों में अधिकतर गरीब परिवार के बच्चे ही पढ़ते हैं, इसलिए इतनी दूरी पर विद्यार्थी स्कूल कैसे जाए पाएंगे?

सुविधा की नहीं कोई कमी

सरपंच ने बताया कि गांव खेड़की राजकीय स्कूल का पूरा भवन है। तीन नए कमरे डोनेशन पर दो तीन वर्ष पहले ही बनाए गए थे। स्कूल की चाहरदीवार तथा खेल मैदान हैं। स्कूल में पूरा फर्नीचर है। बच्चे तथा स्टाफ भी पूरा है। बावजूद इसके स्कूल को मर्ज कर दिया गया।

स्कूल में पढ़ने वाले कर रहे देश सेवा

सरंपच ने बताया कि उनके गांव स्कूल 1979 में स्थापित हुआ था। इसी स्कूल में पढ़कर लोग आर्मी, बीएसएफ आदि में देश सेवा कर रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सक बनकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के मापदंड के अनुसार स्कूल में 25 विद्यार्थी होने चाहिए जबकि स्कूल में 28 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। बावजूद इसके स्कूल को नजदीकी गांव बैरावास में मर्ज कर दिया।

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