दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Kejriwal In Assembly) के बीच विवाद का मुद्दा छाया हुआ है। दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में एलजी के खिलाफ रखे गए निंदा प्रस्ताव की चर्चा में सीएम केजरीवाल ने भाग लिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि भगवान ने चाहा तो कल केंद्र में हमारी सरकार होगी। सदन में केजरीवाल ने कहा कि इस सदन में बड़े भारी मन से आज बात रख रहा हूं। किसी भी राज्य की सरकार चुनी हुई सरकार से चलनी चाहिए या एलजी साहब से चलना चाहिए, यह बहुत गंभीर मुद्दा है।

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अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं चाहता हूं कि भाजपा के सदस्य भी सदन में रहते। समय बहुत बलवान है एक-सा नहीं रहता है, क्या पता कल दिल्ली में हमारी सरकार न हाे, केंद्र में हमारी सरकार हाे, मगर हमारे एलजी इस तरह दिल्ली की सरकार को परेशान नहीं करेंगे। सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की मुझे चिंता है, मुझे दिल्ली के हर बच्चे की पढ़ाई की चिंता है। मैंने जैसे अपने बच्चों को पढ़ाई कराई है, उसी तरह दिल्ली के बच्चों की पढ़ाई की चिंता की है।

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Kejriwal In Assembly – सीएम ने कहा कि मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं। मेरे शिक्षा मंत्री ने 30 शिक्षकों काे प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने का फैसला लिया। मैंने अनुमति दे दी, बात पूरी हुई मगर एलजी साहब ने फाइल रोक दी। वह भी एक बार नहीं, दो बार रोक दिया, जिससे साफ हाेता है जानबूझकर फाइल को रोका गया है। उन्होंने उपराज्यपाल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव की चर्चा में कहा कि एलजी साहेब कह रहे हैं कि देश में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलवा लो। मैं कहता हूं कि एलजी कौन होते हैं रोकने वाले। जनता के टैक्स का पैसा, जनता के बच्चों के लिए बेहतर पढ़ाई कराने के लिए, शिक्षकों के प्रशिक्षण पर खर्च हो रहा है।

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