भगोड़े गैंगस्टर राशिद केबलवाला को अजरबैजान में हिरासत में लिया गया है। वह इस्तांबुल से बाकू के हेदर अलियेव अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा था, जहां आव्रजन अधिकारियों ने उसके कागजात में अनियमितताओं के कारण उसे पकड़ लिया। भारतीय खुफिया एजेंसियां अब उसे वापस लाने की तैयारी कर रही हैं। जेल में बंद गैंगस्टर हाशिम बाबा का राशिद करीबी सहयोगी है और लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट से भी जुड़ा है।

राशिद केबलवाला दिल्ली पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। उसका नाम सबसे पहले सितंबर 2024 में ग्रेटर कैलाश में व्यवसायी नादिर शाह की हत्या के मामले में सामने आया था। इसके बाद, अक्टूबर 2024 में दिवाली की रात पूर्वी दिल्ली में दोहरे हत्याकांड और दिसंबर 2024 में कृष्णा नगर में बिजनेसमैन सुनील जैन की हत्या में भी उसका नाम उछला। इन घटनाओं ने उसे दिल्ली पुलिस के लिए सबसे वांटेड अपराधियों में से एक बना दिया।

लंबा आपराधिक रिकॉर्ड

दिसंबर 2024 में टाइम्स ऑफ इंडिया को राशिद ने बताया था कि सुनील जैन की हत्या अक्टूबर में हुए दोहरे मर्डर का बदला थी, लेकिन उसने अपनी भागीदारी से इनकार किया। उसने बताया कि साहिल उर्फ गोलू नामक हमलावर ने दो पक्षों से एक अन्य व्यक्ति की हत्या के लिए पैसे लिए थे। वह इस मामले में शामिल था। राशिद के अनुसार, जैन टारगेट नहीं था, बल्कि असली निशाना विराट नाम का शख्स था, जिसे वह खत्म करना चाहता था। सूत्रों के मुताबिक, साहिल अभी फरार है और उसके विदेश भाग जाने की आशंका है।

कई हत्याओं से जुड़ा हिस्ट्री-शीटर

राशिद केबलवाला और हाशिम बाबा का आपराधिक इतिहास लंबा है। 2013 में अंतिम संस्कार के दौरान अकील मामा की हत्या कर दोनों कुख्यात हुए। उनके पूर्व सहयोगी नासिर के जेल जाने के बाद दोनों ने गैंग का नियंत्रण संभाला और बाद में अलग-अलग होकर अपनी-अपनी गतिविधियां चलाने लगे। राशिद कई हत्याओं से जुड़ा हिस्ट्री-शीटर है। 2018 में सऊदी अरब भागने की कोशिश में उसे पकड़ा गया था। उसने रियाद में गारमेंट्स का बिजनेस शुरू किया था और थाईलैंड में विस्तार कर रहा था, जिसे जांचकर्ताओं ने अवैध कमाई को वैध बनाने की कोशिश बताया। 2019 में राशिद के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने MCOCA के तहत मामला दर्ज किया था। 2020 में उसे स्पेशल सेल ने फिर से गिरफ्तार किया, लेकिन 2022 की शुरुआत में वह जाली पासपोर्ट का उपयोग कर फरार हो गया। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रुपये का इनाम रखा था।

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