साल 2008 में क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म दि डार्क नाइट के साथ ही जोकर का किरदार अमर हो गया था| इस फिल्म में हीथ लेजर ने जोकर का कैरेक्टर प्ले किया था और ये किरदार इतना डार्क था कि फिल्म रिलीज़ होने के समय तक हीथ ने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली थी| अपनी मौत के बाद हीथ को अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला था| फैन्स को लगता रहा कि हीथ लेजर से बेहतर जोकर का किरदार निभाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा|
साल 2014 में आई फिल्म डेडपूल में जेरेड लेटो ने जोकर के एक नए कलेवर से रूबरू कराया लेकिन दर्शकों की अपेक्षाओं पर वे खरे नहीं उतरे| हालांकि डार्क नाइट की रिलीज के 11 साल बाद वाकीन फिनिक्स ने अपनी हैरतअंगेज परफॉर्मेंस से हीथ लेजर के किरदार को आखिरकार चुनौती दे डाली है और हीथ की तरह ही फीनिक्स भी ऑस्कर के मजबूत दावेदार के तौर पर उभरे हैं| अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हॉलीवुड फिल्म जोकर प्रसिद्धि बढ़ रही है और इसे अत्यधिक पसंद भी किया जा रहा है|
कॉमिक बुक्स के इतिहास में सबसे खतरनाक विलन अगर किसी को माना जाता है तो वह है जोकर| बैटमैन सीरीज की कॉमिक्स, कार्टून और फिल्मों में जोकर की दहशत देखते ही बनती है| अब इसी किरदार जोकर पर एक पूरी फिल्म पेश की गई है| फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक नॉर्मल आदमी पागलपन और क्राइम के रास्ते पर चला जाता है|
चलिये अब जानते है इसकी कहानी के बारें में :-
आर्थर फ्लेक (हॉकिन फीनिक्स) अपनी जिंदगी से बेहद निराश है| वह अपनी बीमार मां (फ्रांसिस कॉरनॉय) के साथ रहता है और पार्ट टाइम एक जोकर का काम करता है लेकिन इसमें उसकी कोई कमाई नहीं होती है| आर्थर की मुश्किलें तब और ज्यादा बढ़ जाती हैं जब शहर में शराफत से जीना मुश्किल हो जाता है| आर्थर को ऐसी परेशानी भी हो जाती है जिसमें वह अपनी हंसी पर कंट्रोल नहीं कर सकता है|
आर्थर एक स्टैंड-अप कॉमिडियन बनना चाहता है और अपनी डायरी में जोक्स लिखता रहता है| लेकिन इसी बीच आर्थर की मानसिक अवस्था बिगड़ती चली जाती है| आर्थर धीरे-धीरे पागलपन की ओर बढ़ने लगता है और एक क्रिमिनल बन जाता है|
कौन सा रास्ता आसान है : हिंसा या अहिंसा
क्रूरताएं लंबे वक्त्त तक याद रखी जाती हैं| आर्थर असल दुनिया के इस सबक को ज़िंदगी में उतारता है। ‘मैं सोचता था कि मेरी जिंदगी एक ट्रैजेडी है लेकिन अब मैंने ये महसूस किया कि ये एक कॉमेडी है|’ कॉमेडियन से जोकर बनने तक आर्थर का ये ट्रांसफॉर्म पर्दे पर इतना शानदार है कि हिंसा और अहिंसा का गहरा फर्क भी बारीक लगने लगता है| ये फर्क तब ज़्यादा महसूस होता है, जब पर्दे पर क्रूरता के साथ की गई हत्या देखने के कुछ सेकेंड बाद आप ख़ुद हँसने लगते हैं|
आपकी यही हँसी देखने की तमन्ना कॉमेडियन आर्थर को थी| लेकिन इस तमन्ना में अहिंसा थी इसलिए किसी को फ़र्क़ ही नहीं पड़ा| मगर जब इसी तमन्ना की बंजर ज़मीन पर हिंसा उग आई, तब क्रूरता में सबने अपना नेता देखा| कॉमेडियन आर्थर कहीं पीछे छूट गया और जोकर सामने आ गया| भीड़ ने अपने-अपने हाथों में बैनर उठा लिया- हम सब विदूषक हैं|
जोकर का कहना :-
मेंटल हेल्थ, बच्चों का यौन उत्पीड़न, लड़कियों के साथ छेड़ख़ानी और ग़रीब बनाम अमीर| ये कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जिनसे पर्दे पर जब जोकर होकर गुज़र रहा होता है तब फ़िल्म देख रहे लोग कनेक्ट कर पा रहे होते हैं| खासतौर पर तब जब आर्थर कहता है- मैं किसी चीज़ पर भरोसा नहीं करता| जोकर सिस्टम के बनाए नियमों पर भी सवाल करता है| ‘जब आप एक मेंटली डिस्टर्ब आदमी को बर्बाद हो चुके समाज में लाकर छोड़ते हैं तो आपको वही मिलता है जो आप डिजर्व करते हैं|’ यही लाइफ है| आस-पास या दूर दराज चेहरों पर चढ़े नक़ाब देखने वाले लोगों को जोकर ही अपना सच लगता है|
‘हाहाहाहा हाहाहाहा हाहाहाहाहा।’
‘किस बात पर हँसी आ रही है?
‘एक जोक याद आया।’
‘मुझे भी बताओ’
‘नहीं।।।।क्योंकि तुम्हें समझ नहीं आएगा।’
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कुछ समझाते हुए बैकग्राउंड म्यूज़िक पर अकेलेपन की जोड़ी के साथ जोकर नाचते हुए आंखों से गायब होता है| हम सब पर ये इल्ज़ाम लगाते हुए कि चेहरे पर देखी हर मुस्कान को हम सच समझ बैठे|।।पीर पराई जानी नहीं|
हॉलीवुड फिल्म जोकर रिव्यु :-
‘जोकर’ एक कॉमिक बुक के विलन के ऊपर बनी हुई एक सामान्य फिल्म नहीं है| डायरेक्टर टॉड फिलिप ने एक ऐसे व्यक्ति की कहानी दिखाई है जो निजी जिंदगी में बिखरने से पहले खुद को पागलपन की हद तक ले जाता है| फिलिप ने फिल्म में आर्थर की मेंटल कंडिशन को ग्लोरिफाई नहीं किया है बल्कि उसके निजी स्ट्रगल को दिखाया है जो समय के साथ अहंकार में बदल जाता है|
यही अहंकार उसे गॉथम शहर से नफरत की तरफ ले जाता है और क्राइम उसकी जिंदगी जीने का एक तरीका बन जाता है| फिल्म में 80 के दशक का टाइम पीरियड दिखाया गया है जिसमें एक काल्पनिक शहर दिखाया गया है| फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक स्क्रिप्ट की तरह ही बेहतरीन है जो हर सीन में आपको बेचैन करता रहेगा|
फिल्म में हॉकिन फीनिक्स के अलावा रॉबर्ड डी नीरो की अदाकारी को देखना सुकून देता है| सभी कलाकारों ने अपने किरदार को अच्छे तरीके से जिया है लेकिन हॉकिन फीनिक्स की अदाकारी की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है|
उन्होंने जोकर के इस जोरदार किरदार के लिए काफी मेहनत की है| उन्होंने एक परेशान सामान्य आदमी से एक सनकी क्रिमिनल बन जाने वाले किरदार को बेहतरीन तरीके से जिया है| अगर इस फिल्म के लिए हॉकिंन फीनिक्स ऑस्कर अवॉर्ड जीत जाएं तो कोई बड़ी बात नहीं होगी|
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क्यों देखें हॉलीवुड फिल्म जोकर :-
अमेरिकन आर्मी ने इस फिल्म की रिलीज से पहले एक नोटिस जारी किया था जिसमें कहा गया था कि इस फिल्म की रिलीज पर कुछ सिनेमाघरों में एक खास समुदाय द्वारा गोलीबारी हो सकती है| ये वही समुदाय है जो जोकर को आदर्श मानता है क्योंकि इन लोगों की तरह ही जोकर ने भी अपनी जिंदगी में बहुत रिजेक्शन झेला है और वे सोसाइटी से काफी हद तक कट से गए हैं|
Image Source :- tuppencemagazine.co.uk