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हिमाचल सियासी संकट : कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य ने की बागियों से मुलाकात

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Himachal Political Crisis

शिमला : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में राजनीतिक संकट अभी खत्म नहीं हुआ है।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाने वाले कैबिनेट मंत्री (Himachal Political Crisis) विक्रमादित्य सिंह शुक्रवार को चंडीगढ़ में बागी विधायकों से मुलाकात के बाद दिल्ली पहुंचेे।एक दिन पहले ही कांग्रेस के पर्यवेक्षक डी.के. शिवकुमार ने कहा था कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार बनी रहेगी और सभी विधायक पांच साल के लिए कांग्रेस सरकार चाहते हैं। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधान के तहत अयोग्यता का सामना कर रहे छह बागी विधायकों में से दो विधायकों ने विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात नहीं की।

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Himachal Political Crisis – पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने 28 फरवरी को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि विधायकों को दरकिनार किया गया, उनकी अनदेखी की गई और राजकोष का कुप्रबंधन हुआ। उन्होंने कहा था,इन सभी मुद्दों को समय-समय पर दिल्ली में हाईकमान के सामने उठाया गया, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा दो दिनों की बातचीत और बैठकों के बाद कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य को शांत कराया था।

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दूसरी बार विधायक बने विक्रमादित्य सिंह ने तब तक अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया, जब तक पर्यवेक्षकों ने सरकार और पार्टी संगठन के बीच समन्वय के लिए छह सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा नहीं कर दी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह और उनकी मां और सांसद प्रतिभा सिंह को नजरअंदाज करना वह कांटा हो सकता है, जो चुभ सकता है। राज्य की राजनीति में उनके परिवार के कद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।