नई दिल्ली : दिल्ली के चर्चित गीतिका शर्मा सुसाइड केस में (Geetika Sharma Suicide Case) आरोपी हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसला आने के बाद गीतिका शर्मा के पिता व भाई से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन दोनों ने खुद को अपने घर में ही कैद किया हुआ है। मामले में परिवार ने और लोगों ने भी कुछ भी कहने से इनकार किया है।
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गोपाल कांडा को 18 अगस्त 2012 को अशोक घर पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था, जिसमें उन्हें 18 महीने की जेल हुई थी और मार्च 2014 को कोर्ट से जमानत मिली थी। गीतिका के 6 महीने के बाद ही उनकी मां ने भी आत्महत्या कर ली थी और उन्होंने भी अपनी मौत का जिम्मेदार गोपाल कांडा को ही ठहराया था। कांडा अभी भी अपनी पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी से सिरसा के विधायक हैं। गीतिका शर्मा गोपाल कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस में बतौर एयर होस्टेस काम करती थी, जिसने 5 अगस्त 2012 को अशोक विहार स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में आत्महत्या करने से पहले हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा और उनकी एमडीएलआर कंपनी में सीनियर मैनेजर अरुणा चड्ढा को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था।
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Geetika Sharma Suicide Case – गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा कि आज मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं, क्योंकि मैं अंदर से टूट गई हूं। मेरा विश्वास टूट गया है और मेरे साथ धोखा हुआ है। मेरी मौत के लिए 2 लोग जिम्मेदार हैं, जिनका नाम गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा है। इन दोनों ने मेरे विश्वास को तोड़ कर मुझे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। इन लोगों ने मेरे जीवन को बर्बाद कर दिया और अब यह लोग मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। अब इन दोनों को इनके द्वारा किए गए गलत काम की सजा मिलनी चाहिए।