Advertisement

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एक्शन में, कारपोरेशन के गोदाम में पकड़ीं 16 करोड़ की एक्सपायर दवाइयां

0
26
Deputy CM In Action

उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM In Action) ने शुक्रवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन के गोदाम का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने 16 करोड़ 40 लाख 33 हजार 33 रुपये मूल्य की एक्सपायर्ड दवाएं पकड़ीं। उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए जांच के आदेश दिए हैं।मालूम हो की बृजेश पाठक के पास राज्य के स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी है।

इसे भी पढ़ें – आजम खान की अंतरिम जमानत पर पत्नी ने जताई ख़ुशी, रामपुर में जश्न का माहौल

Deputy CM In Action – उपमुख्यमंत्री दोपहर में जैसे ही कारपोरेशन के गोदाम पहुंचे तो उन्हें देख वहां भगदड़ मच गई। कुछ लोगों को रोककर उन्होंने पूछा तो वे आउटसोर्सिंग के कर्मचारी निकले। तमाम दवाएं बेतरतीब यहां-वहां बिखरी थीं। कोल्ड चेन की भी कोई व्यवस्था नहीं दिखी। करोड़ों रुपये की दवाएं एक्सपायर हो चुकी थीं और तमाम होने के कगार पर हैं। ब्रजेश ने कहा कि ये दवाएं मेडिकल कारपोरेशन द्वारा अस्पतालों को उपलब्ध करायी जानी चाहिए थीं, जो मेडिकल अस्पतालों को नहीं भेजी गयीं। करोड़ों की दवाएं गोदाम में रखे-रखे एक्सपायर हो गईं।

Deputy CM In Action

उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक समिति का गठन व गोदाम में उपलब्ध दवाइयों का ऑडिट कराने के लिए पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्राथमिक जांच रिपोर्ट 3 दिन में प्रस्तुत करने को कहा है। उपमुख्यमंत्री ने निरीक्षण कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई एवं मौके पर बरामद सभी चीजें, रिकॉर्डिंग, कागजात जब्त किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रांजल यादव भी उपस्थित रहे। बता दें कि पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री ने राजधानी के लोहिया संस्थान में छापेमारी कर 50 लाख से अधिक की एक्सपायरी दवाओं की खेप पकड़ी थी।

इसे भी पढ़ें – कानपुर में पति-पत्नी की निर्मम हत्या, टीवी पर देख रहे थे आईपीएल मैच

जिन दवाओं के लिए सरकारी अस्पतालों में मरीज मारे-मारे फिर रहे हैं। उन्हें बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं, वो दवाएं कारपोरेशन के गोदामों में सड़ रही हैं। एक्सपायर हो चुकी हैं, मगर कोई देखने वाला नहीं है। उपमुख्यमंत्री के छापे में दिल की बीमारी में दी जाने वाली टेलीमीसार्टन, आईड्रॉप, ग्लूकोज की बोतलें, कोरोना की दवाएं बड़ी मात्रा में मिलीं। इंजेक्शनों को फ्रिज के बजाय खुले में रखा गया था। डिप्टी सीएम ने कहा कि इतनी गर्मी में यह इंजेक्शन ऐसे रखे जाते हैं। दवाओं के बीच इस्तेमाल मॉस्क फेंके जा रहे हैं।