नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुक्रवार को राष्ट्रगान के साथ शुरू हुआ।विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने विधानसभा गठन के 30 वर्ष पूरे होने पर सभी सदस्यों को बधाई दी। वहीं उन्होंने कहा कि तीन दशक बाद भी सदन को पूर्ण शक्तियां और आर्थिक अधिकार नहीं मिले हैं। इस बीच नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की नोक झोंक हुई। विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को उस समय स्थगित कर दी गई, जब आप विधायक कथित तौर पर एमसीडी कर्मचारियों के नियमितीकरण का विरोध (Assembly Proceedings Adjourned) करने के लिए भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में आ गए।

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Assembly Proceedings Adjourned – नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, यदि दिल्ली पुलिस की महत्वपूर्ण रिपोर्ट पर चर्चा नहीं हो सकती, जिसमें कहा गया है कि सर्दी के कारण दिल्ली की सड़कों पर 203 लोगों की मौत हो गई है, तो सदन में किस पर चर्चा की जानी चाहिए? भाजपा विधायकों के ध्यानाकर्षण नोटिस स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री इस पर जवाब देना चाहिए। सदन में हंगामे के बीच बीजेपी के चार विधायकों को मार्शल ने सदन से बाहर कर दिया।

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इस पर स्पीकर गोयल ने कहा, विधानसभा सचिव की शक्तियां छीनी जा रही है। विधानसभा में सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सचिव को शक्तियां देने का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने जागरण में छपी खबर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल से डीपीसीसी को कोई फंड नहीं क्यों नहीं दिया गया है।वहीं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि डीपीसीसी अगर कोई मांग करती है तो उसे दिया जाता है। इसके अलावा डीपीसीसी अपने स्रोतों से राजस्व अर्जित करती है। विजेंद्र गुप्ता ने इस पर हैरानी जताई कि दिल्ली सरकार के बजट में डीपीसीसी के लिए कोई बजट ही नहीं होता है।

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