हमास और इजराइल के बीच लंबे समय से संघर्ष छिड़ा हुआ है. इस संघर्ष में अरब देश कतर, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात लगातार सुर्खियों में बने रहे. लेकिन, अब वॉशिंगटन (shocking revelations from documents) पोस्ट की एक रिपोर्ट में एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसमें सामने आया कि जहां एक तरफ यह देश इजराइल की हमास पर हमलों को लेकर निंदा कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ अरब देशों ने युद्ध के महीनों के दौरान इजराइली सेना के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया.

यह रिपोर्ट वॉशिंगटन पोस्ट और इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की साझेदारी में तैयार की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइली और अरब सैन्य अधिकारियों ने यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) की मदद से क्षेत्रीय खतरे, ईरान और भूमिगत सुरंगों पर बैठकें और ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए.

वॉशिंगटन पोस्ट ने नोट किया कि जहां एक तरफ अरब नेता इजराइल की एक तरफ निंदा करते रहे. वहीं, दूसरी तरफ सहयोग भी चलता रहा. इस गुप्त सहयोग के बावजूद, अरब नेता सार्वजनिक रूप से इजराइल की आलोचना करते रहे. मिस्र, कतर, सऊदी अरब और जॉर्डन के नेता गाजा में इजराइल के युद्ध को “हत्याकांड” (genocide) करार देते रहे, जबकि कतर के अमीर ने संयुक्त राष्ट्र में इजराइल को “वातावरण विरोधी और अपार्थेड सिस्टम बनाने वाला देश” कहा. लेकिन, इसके बाद भी सहयोग चलता रहा.

shocking revelations from documents – रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि मई 2024 में कतर के अल उदैद एयर बेस में इजराइली और अरब सैन्य अधिकारी मिले. इजराइली प्रतिनिधिमंडल ने सीधे अमेरिकी बेस पर प्रवेश किया, ताकि उनकी यात्रा कतर के हवाई अड्डों से पकड़ी न जाए.

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