Angered by the comment on gangster father-in-law Durjan Singh, the accused murdered ASI along with his friend.

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

पुलिस ने एएसआई की हत्या के मामले में पानीपत के दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा किया है। धरे गए आरोपियों की शिनाख्त घरौंडा के उपली निवासी दीपक उर्फ नीटू और उसके दोस्त पानीपत के बरसत रोड निवासी राजन उर्फ पव्वा के रूप में हुई।

हत्यारोपी दीपक के दोस्त को हिरासत में लिया

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एएसआई कुछ साल पहले जब सीआई की टीम में कार्यरत था तो उसने हत्यारोपी दीपक के दोस्त को हिरासत में लिया था। तभी से एएसआई से आरोपी दीपक रंजिश रखने लगा था। ऐसे में एएसआई से बदला लेने के लिए आरोपी दीपक ने उससे गहरी दोस्ती की। फिर शनिवार की शाम एएसआई को लेने के लिए दीपक अपनी गाड़ी में दोस्त राजन के साथ थाने पहुंचा और फिर तीनों नीलकंठ होटल खाने के लिए निकल गए।

इस बीच दीपक के ससुर गैंगस्टर दुर्जन सिंह के संबंध में एएसआई ने टिप्पणी की, जो दीपक को नागवार गुजरी। फिर उसने अपनी लाइसेंसी बंदूक से एएसआई को एक के बाद एक सात गोलियां मारी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपी ने एएसआई के शव को आवर्धन नहर में ठिकाने लगाना दिया, जो बहकर बुढ़नपुर नहर के पास से बरामद हुआ।

घटनाक्रम के अनुसार, रविवार की शाम बुढ़नपुर के पास एएसआई ऋषिपाल-48 का आवर्धन नहर से शव बरामद किया गया था। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त के बाद परिजनों और उच्चाधिकारियों को मामले की सूचना दी। एएसआई के शरीर पर लगी गोलियों के निशान से पुलिस को पहले ही हत्या का शक हो गया था। जांच के दौरान पता चला कि शनिवार की शाम एएसआई को लेकर दीपक और उसका दोस्त राजन कहीं गए थे।

इसके बाद पुलिस ने आरोपी दीपक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। आरोपियों ने बताया कि कुछ साल पहले एएसआई ऋषिपाल की तैनाती सीआई पानीपत में थी। इस दौरान आरोपी दीपक के दोस्त को एएसआई ऋषिपाल ने हिरासत में लिया था, जिसको लेकर आरोपी दीपक एएसआई के प्रति रंजिश रखने लगा था। इस रंजिश का आभास एएसआई और उसके परिवार को भी हो चुका था, लेकिन आरोपी दीपक ने एएसआई ऋषिपाल से घनिष्ठता कर उसे विश्वास में ले लिया।

फिर अक्सर दोनों का खाना-पीना साथ ही होता था। एएसआई ड्यूटी खत्म करने के बाद और ड्यूटी के समय में भी आरोपी दीपक से मिलता-जुलता रहता था। नौ सितंबर को भी ड्यूटी के बाद शाम को दीपक घूमने के लिए एएसआई ऋषिपाल को थाने सेक्टर-13-17 से अपनी गाड़ी में ले गया था। इस बीच एएसआई के पास घर से फोन आया तो उसने पत्नी को बता दिया था कि वह दीपक के साथ है। उसके बाद एएसआई ने फोन बंद कर दिया। नीलकंठ होटल में जाने से पहले दीपक के ससुर दुर्जन सिंह को लेकर आरोपी और एएसआई के बीच विवाद हो गया।

इसी दौरान आरोपी दीपक ने एएसआई को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। इसके तहत नीलकंठ होटल की बजाय आरोपी गाड़ी को टोल टैक्स से पहले रसिन की तरफ घुमा लिया। इसके बाद रसिन और बिजना के बीच आरोपी दीपक ने एएसआई ऋषिपाल को मौत के घाट उतार दिया। आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने 365,302,201,120 बी ,34 सशस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मंगलवार को पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी, जिसके बाद हत्या में प्रयुक्त बंदूक बरामद की जाएगी तथा अन्य साक्ष्य जुटाए जाएंगे।

जांच अधिकारी के अनुसार

एएसआई की हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात को खुलासा किया गया है। आरोपियों ने नियोजित तरीके से एएसआई की गोली मारकर हत्या की है। -शशांक कुमार सावन, पुलिस अधीक्षक करनाल।

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