NGT fines Rs 65 crore on two mining firms in Karnal

एनजीटी
– फोटो : NGT


अवैध और अवैज्ञानिक रूप से खनन व पर्यावरण मंजूरी का उल्लंघन करने के मामले में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने खनन से जुड़ी दो फर्मों पर 65 करोड़ रुपये जुर्माना ठोका है। खनन कारोबारियों की मैसर्ज सुंदर माइनिंग एंड एसोसिएट व मैसर्ज गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स फर्मों पर पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अफसर ने कुरुक्षेत्र की विशेष पर्यावरण अदालत में इस संदर्भ में दी शिकायत में कहा था कि फर्माें ने खनन से पूर्व पर्यावरण मंजूरी की शर्ताें को दरकिनार कर अवैध खनन किया। ऐसा कर इन फर्मों ने गलत ढंग से सैकड़ों करोड़ रुपये की आय अर्जित की है।

इसी शिकायत पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी हरकत में आया और उन्होंने दिल्ली, हिसार, भिवानी, करनाल और यमुनानगर में उक्त दोनों फर्मों व उनके सहयोगियों पर मनी-लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 03 अगस्त को छापामारी की थी।

दो दिन तक चली इस छापामारी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। ईडी ने अभी तक जांच में यह भी खुलासा किया है कि संबंधित फर्मों ने न केवल अवैध खनन किया है, बल्कि खनन अनुबंध प्राप्त करने में हेराफेरी भी की थी।

कार्रवाई के दौरान फर्मों के बैंक लॉकर व खातों को भी सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ईडी ने खनन कारोबारियों के घरों में तलाशी के दौरान करीब 1.25 करोड़ कीमत की एक मर्सिडीज कार, 26.45 लाख रुपये और डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित दस्तावेज जब्त किए गए। ईडी की जांच अभी जारी है।

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