Political Survery: देश में पंजीकृत लेकिन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की संख्या बीते एक दशक में दोगुनी हो चुकी है। 2010 में देश में 1,112 पार्टियां थीं, यह संख्या 2019 तक हुए पंजीकरण के अनुसार 2,301 पहुंच चुकी है। खास बात है कि देश की सबसे ज्यादा 653 यानी करीब 28 प्रतिशत पार्टियां उत्तर प्रदेश की हैं। इस मामले में दूसरे नंबर पर रही दिल्ली 291 पार्टियों के साथ यूपी से बहुत पीछे है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह जानकारियां दी हैं। गैर मान्यता प्राप्त की श्रेणी में ऐसी पार्टियों को रखा जाता है, जो नई पंजीकृत हुई या जिन्हें विधानसभा अथवा आम चुनाव में इतने वोट नहीं मिले कि राज्य स्तरीय पार्टियां कहला सकें। इनमें चुनाव नहीं लड़े दल भी शामिल होते हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां 2013-14 में लोकसभा चुनाव के समय नई पार्टियों की संख्या 18 प्रतिशत बढ़ी थी, वहीं 2018-19 के दौरान यह केवल 9.8 प्रतिशत बढ़ीं। संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली का नंबर आता है तो 184 पार्टियों के साथ तमिलनाडु तीसरे नंबर पर रहा।

इसे भी पढ़े:यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लिए 17 एमओयू , 450 करोड़ का निवेश

यूपी की अपना देश पार्टी को सबसे ज्यादा दानं, हर दानदाता ने औसतन डेढ़ लाख दिए दान की रकम पाने में यूपी की अपना देश पार्टी सबसे भाग्यशाली रही। एडीआर के अनुसार साल 2017-18 व 2018- 19 में सबसे ज्यादा उसे 4,300 लोगों ने 65.63 करोड़ रुपया दान दिया। यानी हर व्यक्ति ने औसतन डेढ़ लाख रुपये।

Political Survery: 50 पार्टियों ने नहीं बताया कहां से मिला पैसा एडीआर की रिपोर्ट में 2017-18 व 2018 19 के दौरान 138 दलों मिले दान का विश्लेषण किया गया, पता चला, 50 दलों ने बताया ही नहीं कि उन्हें किसने दान दिया? दलों को इन दो वर्षों में कुल 12,998 दफा दान मिले, जिसमें कुल 90.05 करोड़ रुपये की रकम जमा हुई।

इसे भी पढ़े: एक दशक में दोगुना हुए गैर मान्यता प्राप्त दल, इस राज्य में सबसे ज्यादा

Sachin Pilot से डरे Ashok Ghelot गुट के दो मंत्री,किसान पंचायत में मचा हंगामा

Share.
Exit mobile version