जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे स्थित कई गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. चंदवक क्षेत्र के बलुआ गांव में बाढ़ का पानी घरों के अंदर तक घुस चुका है. लोग घर छोड़कर तिरपाल डालकर सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई रूप से रहने को मजबूर हैं. TV9 डिजिटल की प्रसानिक दावों की पोल खोलने वाली ये रिपोर्ट आपको हैरान कर देगी. गृहस्थी का सामान डूबने से खाने पीने की देखते बढ़ गई हैं. लोगों ने बताया (water entered into homes) कि नमक, प्याज और रोटी खाकर किसी तरह वह लोग जी रहे हैं.

बाढ़-बारिश से यूपी के कई जिले प्रभावित हैं. जौनपुर भी गोमती नदी के बढ़ते हुए जलस्तर की चपेट में है. केराकत और चंदवक क्षेत्र के कई गांव इसकी चपेट में हैं. इसमें बीरभंपुर, बरमलपुर, बलुआ, चंदवक, बरइच समेत कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं केराकत क्षेत्र में गोमती नदी के किनारे जलस्तर बढ़ने से श्मशान घाट डूब गए हैं, जिससे अब श्मशान घाट पर शव दाह नहीं हो पा रहा है. बगल के सुरक्षित स्थानों पर दाह संस्कार हो रहे हैं.

जौनपुर के जिलाधिकारी का दावा है कि जिले में बाढ़ ही नहीं है. प्रशासन की तरफ से बाढ़ से राहत और बचाव के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. जब बाढ़ आएगी तो डीएम साहब का दावा है कि उससे निपट लिया जाएगा, लेकिन केराकत विधानसभा क्षेत्र के हालात डीएम साहब के हवा-हवाई दावों की पोल खोल रहे हैं.

water entered into homes – बीरभानपुर गांव निवासी दयाराम गौड़ की मां की सड़क हादसे में सात दिनों पहले मौत हो गई थी. परिवार ठीक से तेरहवीं भी नहीं कर पाया. तब तक बाढ़ ने दोहरी मार दे दी. घरों में पानी घुसने से गृहस्थी का सामान डूब गया. परिवार समेत दयाराम अब तिरपाल और टीन शेड डालकर रहने को मजबूर हैं.

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