राजस्थान के हनुमानगढ़ के टिब्बी के राठीखेड़ा गांव में बन रही एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ बुधवार को किसानों का आंदोलन उग्र हो गया और बवाल मच गया. इस दौरान एथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ महापंचायत के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी अचानक फैक्ट्री परिसर में घुस गए. भीड़ ने ट्रैक्टरों से बाउंड्री वॉल तोड़ दी और आगजनी कर (uproar over ethanol factory) प्रदर्शन किया. इस दौरान 70 किसान, 36 पुलिसकर्मियों समेत 106 लोग घायल हो गए. वहीं पुलिस ने इस मामले में 107 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.
घटना के बाद से इलाके का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. घटनास्थल पर 700 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है. गुरुवार को किसानों के साथ दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन ये वार्ता विफल रही. पुलिस का कहना है कि कई महीनों से ये आंदोलन शांति से चल रहा था, लेकिन बुधवार को बाहरी लोगों ने आकर उपद्रव भड़काया है. एडीजी वीके सिंह टिब्बी पहुंचे और कहा कि कई गांव वाले ऐसे हैं, जो फैक्ट्री लगाने के पक्ष में भी हैं.
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पुलिस का कहना है कि उनकी ओर से कोई फायरिंग नहीं हुई. भीड़ हथियार या गोले कहां से लाई, इसकी जानकारी नहीं है. अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने आरोप लगाया कि पुलिस के हथियार पर जंग लगे हुए थे, नहीं तो बड़ी संख्या में जानें जा सकती थीं. अब उन्होंने ऐलान किया है कि 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा.
uproar over ethanol factory – इससे पहले टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा में किसानों की बैठक हुई, जिसमें महिलाएं भी शामिल हुई थीं. सुबह किसान सभा में जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पहले ही रोक लिया था. हालांकि, अब भी किसानों का यही कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, उनका ये आंदोलन जारी रहेगा.
