टीचर भर्ती घोटाले को लेकर टीएमसी पर भाजपा समेत अन्य विपक्षी दल हमलावर है। दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल से निष्कासित पार्थ चटर्जी का दावा है कि उन्हें फंसाया गया है और इसके पीछे साजिश है। इस बयान को लेकर विपक्षी नेता सीएम ममता से जवाब मांग रहे हैं। वहीं, टीएमसी के सीनियर नेता सौगत रॉय का दावा है कि इस तरह की गतिविधियों की जानकारी ममता बनर्जी समेत पार्टी में किसी को नहीं थी।(TMC MP) सांसद सौगत रॉय ने कहा, “हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि ऐसी चीजें चल रही हैं। जैसे ही हमें इस बारे में पता चला, हमने ऐक्शन लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्रीपद से हटा दिया। अगर सुवेंदु अधिकारी के पास कोई सबूत है तो उसे ईडी को सौंपना चाहिए, न कि मीडिया में बोलना चाहिए।

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TMC MP – भाजपा के सीनियर नेता अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय एक सक्षम एजेंसी है। उन्हें जांच करने दीजिए। सभी को मालूम है कि पार्थ चटर्जी का सिंडिकेट रैकेट मुख्यमंत्री बनर्जी के निर्देशन में चल रहा था। टीएमसी का मुख्य एजेंडा भ्रष्टाचार है। केवल जनता की धारणा के चलते टीएमसी ने पार्थ को उनके पदों से हटाया है। मालूम हो कि टीएमसी के सभी पदों से हटाए जाने और मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के एक दिन बाद पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को कहा कि उनके विरुद्ध साजिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि समय बताएगा कि तृणमूल कांग्रेस ने उनके विरुद्ध जो कार्रवाई की वह उचित थी या नहीं।

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इस बीच, विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि चटर्जी को अपने साजिश वाले आरोप पर और खुलासे के साथ बात करनी चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि चटर्जी को साजिश में शामिल लोगों के नाम बताने चाहिए। चक्रवर्ती ने कहा, ‘इस स्कूल भर्ती घोटाले के कारण बंगाल की छवि खराब हुई है। घोटाले की वजह से बहुत से लोगों का करियर बर्बाद हो गया।भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पूर्व मंत्री अगर किसी साजिश का दावा कर रहे हैं तो उनको उन सभी के नाम का खुलासा करना चाहिए, जो इसमें शामिल हैं। घोष ने कहा कि चटर्जी कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वह एक प्रभावशाली मंत्री और तृणमूल के वरिष्ठ नेता थे। उन्हें साजिश में शामिल लोगों के नाम बताने चाहिए।

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