असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को इमामों को लेकर सख्त (Strict Order) दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी गांव में कोई अनजाना इमाम आता है तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाए। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक असम सीएम ने गुवाहाटी कहा, “हमने कुछ एसओपी बनाई है कि अगर आपके गांव में कोई इमाम आता है और आप उसे नहीं जानते हैं तो तुरंत पुलिस स्टेशन को सूचित करें।” उन्होंने कहा कि पुलिस पहले वेरीफाई करेगी इसके बाद ही वह (इमाम) गांव में रुक सकते हैं। सीएम ने कहा, “असम का हमारा मुस्लिम समुदाय इस काम में हमारी मदद कर रहा है।

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हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “हम इमाम और उन अन्य लोगों के लिए एक पोर्टल भी बना रहे हैं जो राज्य के बाहर से मदरसे में आ रहे हैं। जो लोग असम से हैं, उन्हें उस पोर्टल में अपना नाम दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन बाहर के लोगों को पोर्टल में अपना नाम दर्ज करना होगा।” असम सीएम की तरफ से ये निर्देश ऐसे समय में जारी किए गए हैं जब राज्य में दो इस्लामिक मौलवियों (इमामों) को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते गिरफ्तार किया गया है।

Strict Order – गिरफ्तार किए गए इमामों पर आरोप है कि वे कथित तौर पर राज्य में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में शामिल थे। उनके कथित तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी संगठन अल-कायदा से संबंध हैं। हाल ही में सरमा ने असम से पांच बांग्लादेशी आतंकवादियों की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहा था कि तकनीक की समझ रखने वाले विदेशी आतंकवादी उनके राज्य को इस्लामी केंद्र में बदलने की धमकी दे रहे हैं। सरमा ने कहा है कि असम “जिहादी गतिविधियों” का केंद्र बन गया है, जिसके पांच मॉड्यूल बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसारुल इस्लाम से जुड़े हैं।

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मुख्यमंत्री सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, “अंसारुल इस्लाम से संबंधित छह बांग्लादेशी नागरिकों ने युवाओं को शिक्षित करने के लिए असम में प्रवेश किया था और उनमें से एक को इस साल मार्च में बारपेटा में पहला मॉड्यूल मिलने पर गिरफ्तार किया गया था। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा,राज्य के बाहर के इमामों द्वारा मुस्लिम युवकों को निजी मदरसों में पढ़ाना चिंताजनक है।

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