गुरुग्राम : पेड़ों को बचाने के लिए कभी चिपको आंदोलन चला था, लेकिन रक्षाबंधन पर्व पर बुधवार को पेड़ों को बचाने के लिए कनिष्का, वंशिका, यशिका बेटियों ने राखी बांधकर बचाने का संदेश दिया। घर-परिवार से पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा लेकर ये बच्चियां अनेक अवसरों पर घर के आसपास पेड़ (Rakhi Tied To Trees) लगाकर अपना फर्ज निभाती हैं। कनिष्का, वंशिका, यशिका को परिवाजनों ने रक्षाबंधन पर घर-परिवार में सिर्फ भाइयों की कलाई पर ही राखी बांधने तक ही सीमित नहीं रखा है, बल्कि पेड़ों की टहनियों पर भी राखी बांधकर समाज को पेड़ों की रक्षा करने का संकल्प लिया है।
इसे भी पढ़ें – नूंह हिंसा मामला : गौरक्षक बिट्टू बजरंगी को जमानत मिली
Rakhi Tied To Trees – पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले राज सैनी बिसरवाल व राजेश सैनी अपनी बेटियों को लेकर स्वयं के लगाए पेड़ों पर राखी बंधवाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि पेड़ हमारे जीवनदायक है, इसलिए उनका हमारे जीवन में महत्व है। जब वे हमारे जीवन की रक्षा करते हैं तो पेड़ों का जीवन बचाना भी हमारा फर्ज है। हमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। पेड़ लगाकर उनका पालन-पोषण बच्चों की तरह किया जाता है, जब जाकर वे हमें अपनी छाया प्रदान करते हैं।
इसे भी पढ़ें – नूंह हिंसा पर हरियाणा विधानसभा में हंगामा, दो बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही
पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि हर तीज-त्योहार पेड़ों के बिना अधूरा है। शहरीकरण से पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है, लेकिन पेड़ लगाने का काम धीमा है। उन्होंने सरकार, प्रशासन से यह भी आग्रह किया है कि किसी भी सडक़, इमारत के निर्माण के समय राह में आने वाले पेड़ों की कटाई करने की बजाय उनका ट्रांसप्लांट करके दूसरी जगह लगाना चाहिए। क्योंकि एक पेड़ को बड़ा होने में समय भी लगता है और उसकी देखरेख में मेहनत होती है।