बिहार के चुनावों में सियासी रोमांच बढ़ता जा रहा है. जहां गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर गहमागहमी जारी है, वहीं नेताओं का दल बदलना भी समीकरणों पर असर डाल रहा है. वहीं जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट का ऐलान कर दिया है. बिहार की जनता को नया विकल्प देने का दावा करने वाले प्रशांत की (Prashant Kishore’s dual strategy) इस लिस्ट में 7 वकील, 9 डॉक्टर्स और 4 इंजीनियर शामिल हैं.

दूसरी लिस्ट के 65 उम्मीदवारों में से भागलपुर से वकील अभयकांत झा के टिकट ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अभयकांत झा के टिकट के जरिए प्रशांत किशोर मुस्लिम समाज को साधना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि मुस्लिम समाज के इंसाफ की बात करना उनके भाषणों तक सीमित नहीं है.

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भागलपुर से जनसुराज के उम्मीदवार बने अभयकांत झा ने 1989 के भागलपुर दंगा पीड़ितों का केस मुफ्त में लड़ा था. अभयकांत झा की पहचान एक न्यायप्रिय, निष्पक्ष और सामाजिक कार्यों में सक्रिय व्यक्ति के रूप में रही है. उन्होंने दंगा के बाद मुस्लिम पक्ष के 880 लोगों की मदद की थी.

Prashant Kishore’s dual strategy – 74 साल अभयकांत झा भागलपुर सिविल कोर्ट के सीनियर एडवोकेट हैं और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जन सुराज पार्टी में वे जिले के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम कर रहे थे और अब उन्हें पार्टी ने पहली बार विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है.

 

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