2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद, भारतीय वायुसेना के MiG-21 बाइसन को जिस मिसाइल ने निशाना बनाया था, क्या वो ‘MiG-21 किलर’ मिसाइल अब फिर से पाकिस्तान को मिलने वाली है? हम बात (MIG 21 killer missile) करेंगे एक ऐसे फैसले की जिसने भारत-अमेरिका रिश्तों पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है.

2024 में भारत और अमेरिका की दोस्ती नई ऊँचाइयों पर थी, लेकिन 2025 के अंत तक आते-आते रिश्तों में अचानक इतनी खटास क्यों आ गई? क्या अमेरिका, पाकिस्तान को ये घातक मिसाइल बेचकर भारत को कोई ‘गुप्त संकेत’ दे रहा है? इस बड़े रक्षा सौदे की पूरी कहानी, आइए समझते हैं.

 MIG 21 killer missile – सबसे पहले समझते हैं कि आखिर यह फैसला है क्या. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के Administration ने रेथियॉन कंपनी की एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल के C-8 और D-3 variants को पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों को बेचने की मंजूरी दे दी है. ये वही मिसाइल है जिसे ‘MiG-21 Killer’ के नाम से जाना जाता है.

AMRAAM मिसाइल की खासियत ये है कि यह 100 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज में दुश्मन के विमान को निशाना बना सकती है. इसमें एक्टिव रडार होमिंग तकनीक है जो इसे बेहद सटीक बनाती है. इसकी स्पीड Mach 4 यानी आवाज की रफ्तार से चार गुना तेज है. 27 फरवरी 2019 को बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन पाकिस्तान ने इसी मिसाइल का इस्तेमाल करके Wing Commander Abhinandan Varthaman के MiG-21 Bison को मार गिराया था.

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