बिहार के भागपुर जिले के रहने वाला एक शख्स 21 साल बाद अपने परिवार से मिला तो सभी की आंखें नम हो गईं. परिजनों ने बताया कि सोनू 2004 में परिवार से बिछड़ गया था. सोनू बुआ के घर पर रहता था और वहीं से गायब हो गया था. जिसके बाद उसे ढूंढने की कोशिश की गई लेकिन वो कहीं नहीं मिला. जिसके बाद सोनू के गायब होने की सूचना (missing at age of 8 years) पुलिस को दी गई. सोनू के गायब होने की सूचना के बाद मां बेहद परेशान रहने लगी थी, इसी गम में मां की मौत हो गई थी.

missing at age of 8 years – दरअसल, भागलपुर जिले के नवगछिया स्थित पकड़ा गांव के रहने वाले हरिशंकर प्रसाद सिंह का बेटा सोनू कुमार उर्फ मनोज कप्तान अप्रैल 2004 में रक्सौल से गायब हो गया था. तब उसकी उम्र करीब आठ-नौ साल की थी. सोनू बुआ निर्मला देवी के घर रक्सौल में रहता था. सोनू जिस दिन गायब हुआ, बुआ किसी रिश्तेदार के घर गई थीं. लौटीं तो सोनू गायब था. उसके लापता होने की खबर बुआ ने दी जिसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया.

पिता की आंखों से झलके आंसू

दरअसल, हरिशंकर को एक तस्वीर दिखाई गई. जानकारी दी गई कि उनका बेटा सोनू है और धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती है. हरिशंकर यह सुनकर सन्न रह गए. पूरा परिवार उम्मीद और घबराहट के साथ धनबाद के निकल पड़ा, जब अस्पताल पहुंचे तो सोनू को पहचाना. बेटे को देख पिता हरिशंकर रो पड़े और सोनू को सीने से लगा लिया.

अस्पताल कर्मी की पहल से मिला परिवार

सोनू का उसके परिवार से मिलाने के लिए अस्पताल कर्मी दीपक सिंह ने अहम रोल निभाया. दीपक ने बताया कि गुरुवार की सुबह एक मरीज उसके सामने से घसीटता हुआ जा रहा था. इस दौरान उसे रोक कर उससे पूछताछ की. उसने अपना नाम सोनू बताया. काफी याद कर बताया कि वह भागलपुर के नवगछिया गांव का रहने वाला है.

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